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कपिल मिश्रा ने पूछा- मोदी और नवाज शरीफ की क्या कोई गुप्त डील है?

कपिल मिश्रा ने प्रधानमंत्री शपथग्रहण को याद करते हुए लिखा कि हिंदुस्तान को मोदी जी ने सबसे पहला झटका तब दिया, जब लोकसभा चुनाव जीतते ही अपने शपथ ग्रहण में नवाज शरीफ को विशेष अतिथि के तौर पर बुलाया.

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कपिल मिश्रा
कपिल मिश्रा

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उरी हमले के चलते केंद्र की मोदी सरकार से देश जवाब मांग रहा है, इसी कड़ी में दिल्ली सरकार के कैबिनट मंत्री कपिल मिश्रा ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि नवाज और मोदी जी के बीच हुई गुप्त डील की कीमत देश चुका रहा है. देश को पता होना चाहिए कि मोदी और नवाज शरीफ के बीच बार-बार होने वाली गुप्त मुलाकातों में क्या होता है.

कपिल मिश्रा ने प्रधानमंत्री शपथग्रहण को याद करते हुए लिखा कि हिंदुस्तान को मोदी जी ने सबसे पहला झटका तब दिया, जब लोकसभा चुनाव जीतते ही अपने शपथ ग्रहण में नवाज शरीफ को विशेष अतिथि के तौर पर बुलाया. उस दिन उन दोनों की बॉडी लैंग्वेज कहीं से ऐसी नहीं थी की दो दुश्मन देश के नेता हों. उनके रिश्ते की गर्माहट और एक-दूसरे के परिवारों के लिए दिए जा रहे गिफ्ट ऐसे थे, जैसे दो भाई मिले हों.

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कई बार हुई दोनों की गुफ्तगू
तब से मोदी जी और नवाज शरीफ ने एक-दूसरे से मिलने का कोई मौका नहीं छोड़ा. चाहे पेरिस की क्लाइमेट समिट हो या रशिया की SCO मीट, बैंकाक हो या शंघाई या वाशिंगटन. दोनों ने कुछ न कुछ रास्ता निकाल ही लिया, अकेले गुफ्तगू करने का. कुछ वक्त साथ बिताने का. कपिल ने लिखा है कि सर्च करें तो ऐसी सैकड़ों तस्वीरें हैं, जहां दोनों एक-दूसरे से अकेले में, अलग बातें करने में व्यस्त हैं. इन मुलाकातों में इन दोनों के अलावा और कोई अधिकारी नहीं दिखता. कहीं एक सोफे के कोने में दोनों बातों में मशगूल हैं. कहीं गले लगते हुए, हाथों में हाथ डाले चलते हुए. जैसे कोई बहुत ही गुप्त व व्यक्तिगत बात हो. जैसे कोई डील हो.

मोदी-नवाज की मुलाकात के बाद पठानकोट पर हमला
उस दिन तो पूरी दुनिया ही झटका खा गई थी, जिस दिन मोदी जी अचानक नवाज शरीफ के घर में किसी जन्मदिन की पार्टी में पहुंच गए थे. उस दिन भी वहां मोदी और नवाज शरीफ के बीच काफी देर तक अकेले में बातें हुईं. चर्चा है वहां कुछ चुनिंदा बहुत बड़े व्यापारी भी मौजूद थे. उस दिन क्या बात हुई, मोदी जी क्यों गए, किसी को कुछ नहीं मालूम. लाहौर वाली मुलाकात के चंद दिनों के अंदर हमारी वायुसेना के पठानकोट स्थित एयरबेस पर आतंकी हमला होता है. ये अब तक का हिंदुस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए सबसे बड़े हमलो में से एक था.

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ISI पहुंची पठानकोट एयरबेस
कपिल मिश्रा ने निशाना साधते हुए लिखा है कि मोदी जी की सरकार ने पठानकोट हमले की जांच के लिए ISI को बुलाने का निर्णय कर लिया. उसी ISI को जिसने हमेशा हमारे देश पर हमला करवाया, सैनिकों को मरवाया. वो ही ISI जिसने पठानकोट पर हमला करवाया. हम सब उस काले और घिनौने दिन के गवाह हैं, जिस दिन ISI के अधिकारी मुस्कुराते हुए पठानकोट एयरबेस के अंदर खुद के कराए हमले की जांच करने जा रहे थे और हमारी सेनाओं के वीर जवानों को ISI वालों को सुरक्षा देने के लिए लगाया हुआ था, जैसे किसी VIP की सुरक्षा की जाती है.

'देश को बताई जाए रिश्तों की सच्चाई'
अब समय आ गया है कि देश को बताया जाया कि इतने दिनों से मोदी जी और नवाज शरीफ के बीच क्या खिचड़ी पकाई जा रही थी? अब वक्त है कि देश को भरोसे में लिया जाया कि क्या मोदी जी और नवाज शरीफ में कोई गुप्त डील हुई है? पिछले दिनों हुई इतनी सारी गुप्त मुलाकातों में आखिर क्या बात हुई, क्या निर्णय हुए, अब देश को बताए जाने चाहिए. देश को पूरा अधिकार है ये जानने का कि मोदी और नवाज शरीफ के बीच इस गहरे प्यार, सच्ची दोस्ती, अटूट भाईचारे का राज क्या है?

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