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कपिल सिब्बल ने माफी मांगी, अभी डाक्ट्रेट नहीं लेंगे आनंद

विश्वनाथन आनंद को डाक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित करने के फैसले से मंगलवार को तब विवाद पैदा हो गया जब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनकी भारतीय नागरिकता पर सवाल उठाये और आखिर में मंत्री कपिल सिब्बल को शतरंज के बादशाह से माफी मांगनी पड़ी.

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विश्वनाथन आनंद को डाक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित करने के फैसले से मंगलवार को तब विवाद पैदा हो गया जब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनकी भारतीय नागरिकता पर सवाल उठाये और आखिर में मंत्री कपिल सिब्बल को शतरंज के बादशाह से माफी मांगनी पड़ी.

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मानव संसाधन विकास मंत्री ने हैदराबाद में आनंद से टेलीफोन पर बात की. उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने आनंद की नागरिकता पर सवाल नहीं उठाये हैं और इसलिए उन्हें डाक्ट्रेट की उपाधि स्वीकार करनी चाहिए. लेकिन विश्व चैंपियन ने यह कहकर नम्रता से उनका आग्रह ठुकरा दिया कि वह अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण अभी इसे हासिल नहीं कर सकते लेकिन बाद में इसे स्वीकार करेंगे.

आनंद को हैदराबाद विश्वविद्यालय ने सोमवार रात हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रो डेविड ममफोर्ड के साथ डाक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित करना था. संयोग से अभी यहां गणितिज्ञों का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भी चल रहा है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नौकरशाहों ने हालांकि इस 39 वर्षीय खिलाड़ी को सम्मानित करने की हैदराबाद विश्वविद्यालय की योजना पर पानी फेर दिया. {mospagebreak}

आनंद अभी स्पेन में रहते हैं लेकिन उनके पास भारतीय पासपोर्ट है. इस संबंध में मीडिया में रिपोर्ट आने के बाद सिब्बल ने विवाद खत्म करने के प्रयास किये. उन्होंने हैदराबाद में आनंद से फोन पर बात की तथा उनकी नागरिकता को लेकर उठे सवाल पर उनसे माफी मांगी. उन्होंने आनंद की डाक्ट्रेट की डिग्री को मंजूरी देने में प्रक्रियागत देरी को जिम्मेदार ठहराया.

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इस बीच आनंद ने भी साफ कर दिया था कि जब वह खेलते हैं तो उनके बगल में भारतीय तिरंगा रहता है और उनके पास भारतीय पासपोर्ट है. इस ग्रैंडमास्टर ने 40 गणितिज्ञों से एक साथ शतरंज की बाजियां खेलने से पहले कहा, ‘मैं इस मसले को नहीं समझता. मैं गणितिज्ञों के साथ खेलने के लिये हैदराबाद में हूं और इस सम्मेलन का लुत्फ उठा रहा हूं.’ {mospagebreak}

आनंद ने तीन घंटे तक चली इन बाजियों में अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों को मात दी. इसके बाद उन्होंने उन गणितिज्ञों के सवालों के जवाब दिये. मीडिया को हालांकि कोई सवाल पूछने की अनुमति नहीं दी गयी. इससे पहले आनंद का सम्मेलन में जोरदार स्वागत किया गया.

आनंद भी इस पूरे विवाद से बेफिक्र दिखे और उन्होंने इसको लेकर अपने चेहरे पर कोई शिकन नहीं आने दी. आनंद की पत्नी अरुणा ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि वे निराश नहीं है लेकिन इस पूरे घटनाक्रम से कुपित जरूर हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हम निराश हैं.

केवल इस तरह के सवालों का जवाब देने में परेशानी होती है. आनंद के पास हमेशा भारतीय पासपोर्ट रहा और उनके पास अब भी भारतीय पासपोर्ट है. इसलिए बार-बार यह दोहराने में वास्तव में परेशानी होती है.’

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