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विपक्ष की ध्यान कुर्सी पर, हमारा जनकल्‍याण पर: सिब्बल

बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी पर ‘सत्ता हासिल करने की राजनीति’ करने का आरोप लगाते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि विपक्ष की ध्यान कुर्सी हासिल करने पर और हमारा जनता की भलाई पर है.

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बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी पर ‘सत्ता हासिल करने की राजनीति’ करने का आरोप लगाते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि विपक्ष की ध्यान कुर्सी हासिल करने पर और हमारा जनता की भलाई पर है.

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लोकसभा में मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत एफडीआई मुद्दे पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि यह विकास का रास्ता है जिसके माध्यम से सरकार छोटे दुकानदारों, कारोबारियों, किसानों और युवाओं के हितों का पोषण करना चाहती है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष की नेता (सुषमा स्वराज) ऐसे भावुक भाषण देती हैं, मानो इस निर्णय से सब कुछ समाप्त हो जायेगा. लेकिन इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है. ‘विपक्ष की ध्यान कुर्सी पर, हमारा जनता की भलाई पर है.’

विपक्षी दलों पर एफडीआई के बारे में चीजों को ठीक से नहीं रखने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह नीति केवल 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों पर लागू होती है. ऐसे शहरों की संख्या 53 है. यानी केवल 53 शहरों में यह योजना लागू हो सकती है. उन्होंने कहा कि इसमें से कई विपक्ष शासित राज्य इसका विरोध कर रहे हैं. इसे ध्यान में रखा जाए तब केवल 18 शहर ऐसे होंगे जहां यह नीति लागू हो सकती है.

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सिब्बल ने कहा कि ऐसे में विपक्ष की नेता का यह कहना पूरी तरह से निराधार है कि 18 शहरों में लागू होने से हिन्दूस्तान बिक जायेगा, वालमार्ट हिन्दूस्तान पर कब्जा कर लेगी. उन्होंने मुख्य विपक्षी पार्टी पर आरोप लगाया कि जब आप (बीजेपी) सत्ता में होते हैं तब आपके लिए आर्थिक सुधार ‘स्वदेशी वैश्वीकरण’ बन जाता है लेकिन जब आप सत्ता से बाहर होते हैं तब आप स्वदेशी को ‘आर्थिक राष्ट्रवाद’ का विषय बना लेते हैं.’

सिब्बल ने कहा कि इस नीति को आंध्रप्रदेश, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर जैसे कई प्रदेश लागू करता चाहते हैं. सिब्बल ने कहा कि विपक्ष खास तौर पर बीजेपी लोकतंत्र और संघीय प्रणाली की बात करती है लेकिन यह कैसा लोकतंत्र है जहां कुछ राज्यों द्वारा दूसरे राज्यों को नीतियां लागू करने से रोका जाए.

उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई करने वाली कंपनियों को पहले 10 करोड़ डालर का निवेश करना होगा जिसमें से 50 प्रतिशत आधारभूत संरचना के विकास पर होगा. यह 50 प्रतिशत राशि उन्हें तीन वर्षों में निवेश करनी होगी. इसके अलावा इन कंपनियों को मध्यम एवं लघु निर्माण क्षेत्र से 30 प्रतिशत उत्पाद खरीदने होंगे.

सिब्बल ने कहा कि इस नीति में किसानों, छोटे कारोबारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा कि चीन में वालमार्ट विफल हो गया तो यहां लोगों को भय दिखाया जा रहा है कि वालमार्ट सबको खरीद लेगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी कहती कुछ है और करती कुछ है. जब बीजेपी सत्ता में थी तब उसने एफडीआई का पक्ष लिया था. कई मामलों में कांग्रेस ने उसका समर्थन किया था. लेकिन सत्ता से बाहर होने पर वह अपनी बात से पलट गई.

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सिब्बल ने कहा कि बीजेपी के 2004 के घोषणा पत्र में खुदरा क्षेत्र में 86 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने की बात कही गई है. ‘मुख्य विपक्षी पार्टी यह बताये कि वह 2004 के अपने निर्णय से क्यों पलट गई.’

वाम दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में वाम दलों की सरकार ने एफडीआई की नीति पर अमल किया और इससे किसानों का फायदा भी हुआ. लेकिन अभी इसका विरोध कर रहे हैं. सिब्बल ने कहा, ‘हम सदन में किसी पक्ष में बैठ ऐसी नीतियां बनाते हैं जो जनता की भलाई के लिए हो. हम सदन की दीवारों से परे आम जनता का ध्यान रखते हैं. आपकी नजर कुर्सी पर है.’

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