सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का मामला अभी थमा नहीं है. कांग्रेस के दो सांसदों ने राज्यसभा सभापति द्वारा महाभियोग खारिज करने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन अब वह भी वापस ले ली गई है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले में संवैधानिक पीठ पर ही सवाल उठा दिए हैं.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के जजों की पीठ ने संवैधानिक पीठ के गठन को लेकर प्रशासनिक ऑर्डर की कॉपी को साझा करने से इनकार दिया है. कपिल सिब्बल ने इस मामले में कहा है कि हमें इस बात को जानने का हक है कि ये पांच जजों की बेंच किसने बनाई. इसकी डिटेल साइट पर नहीं हैं, ना ही हमें ये पता है कि ऑर्डर किसने पास किया है.
उन्होंने पूछा यह फैसला चीफ जस्टिस ने किया या किसी ओर ने किया. हमें फैसले की कॉपी मिलनी चाहिए क्योंकि ये हमारा अधिकार है. कोर्ट ने हमें कहा है कि मेरिट पर बहस करें, लेकिन मेरिट पर बहस तभी होगी जब हमें ऑर्डर की कॉपी मिलेगी. कपिल सिब्बल ने दागे ये सात सवाल...
1. ऑर्टिकल 145 (3) कोर्ट आदेश के जरिए पांच जजों की बेंच बनाने की इजाजत देता है.
2. इस पीठ का गठन न्यायिक आदेश के बाद ही हो सकता है.
3. इस केस में कोई न्यायिक आदेश नहीं है.
4. ये स्वत: संज्ञान का मामला है, क्योंकि याचिकाकर्ताओं को इसकी कोई जानकारी नहीं थी.
5. अगर CJI ही अथॉरिटी हैं, तो याचिकाकर्ताओं को ये बताया जाना चाहिए.
6. अगर CJI ने आदेश पास किया है, तो याचिकाकर्ताओं को बताया जाना चाहिए.
7. इस मामले में याचिकाकर्ता के पास आदेश को चैलेंज करने का अधिकार है.
दरअसल, कपिल सिब्बल ने एक समय संवैधानिक पीठ के गठन जुड़े प्रशासनिक ऑर्डर की कॉपी दिखाने की मांग कर डाली. जैसाकि उन्हें इस बारे में रात के 10 बजे सूचना मिली. इसके बाद पीठ ने कपिल सिब्बल से पहले याचिका दिखाने को कहा.
इस पर, अटॉर्नी जनरल ने कहा कि पीठ याचिकाकर्ता को प्रशासनिक ऑर्डर की कॉपी नहीं दिखा सकती. इस पीठ ने कहा कि याचिका वापस ले ली जाए अथवा खारिज कर दी जाएगी. इसके बाद कपिल सिब्बल ने याचिका वापस ले ली.