दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल पर कुछ समूहों ने इंटरनेट सेंसरशिप और अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रतिबंध का आरोप लगाते हुए उनकी निजी वेबसाइट को हैक कर लिया तथा उसका स्वरूप बिगाड़ दिया.
कपिल सिब्बल की गलत छवि पेश करने के लिए गुरुवार को वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट कपिलसिब्बलएमपी डॉट कॉम को निशाना बनाया गया और उसकी सामग्री में छेड़छाड़ की गयी.
संसद में चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सिब्बल इस पोर्टल का इस्तेमाल अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के संवाद करने के लिए करते हैं.
हालांकि इस वेबसाइट की अधिकतर चीजें दुरूस्त कर ली गयी हैं लेकिन ब्लॉग, गैलरी, भाषण और बातचीत जैसे कई खंड अब भी काम नहीं कर रहे.
हालांकि इस संबंध में तत्काल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन मंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने बताया कि वेबसाइट पुराना है तथा कुछ समय से उसे अद्यतन नहीं किया गया था.
इसी बीच सरकार ने कहा कि जनवरी-अक्तूबर, 2012 के दौरान विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों की 294 वेबसाइट हैक हुई.
दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री मिलिंद देवरा ने कहा, ‘वर्ष 2009, 2010, 2011 तथा 2012 (अक्तूबर तक) विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों की क्रमश: 201, 303, 308, और 294 वेबसाइट हैक हुईं.’
धारा 66 (ए) के तहत हुई गिरफ्तारियों पर मचे बवाल के बाद सरकार ने कहा कि वह इस संबंध में दिशानिर्देश जारी करेगी कि पुलिस उपायुक्त के स्तर से नीचे का पुलिस अधिकारी को इस विवादास्पद धारा के तहत मामला दर्ज करने की अनुमति नहीं होगी.
मेट्रोपोलिटन शहरों में ऐसी अनुमति पुलिस महानिरीक्षक के स्तर से लेनी होगी.
मुंबई दो लड़कियों की गिरफ्तारियों के बाद यह दिशानिर्देश जारी किया गया. इन दोनों को शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के निधन के बाद मुंबई में बंद जैसी स्थिति का फेसबुक पर विरोध किया था.