माकपा महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात मॉडल कभी भी देश में मॉडल नहीं बन सकता.
आगामी 19 मार्च को दिल्ली में आयोजित होने जा रही पार्टी की रैली को लेकर पटना दौरे पर आए करात ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि उनका गुजरात मॉडल कभी भी देश में मॉडल नहीं बन सकता.
करात ने कहा कि नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल का असली चेहरा सबको पता चल चुका है क्योंकि वहां विकास देश के बड़े-बड़े उद्योग घरानों का हुआ है न कि गुजरात की आम जनता, खासतौर पर दलित और आदिवासियों, का.
वामदलों में एकता का दावा करते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा का मामला वाम मोर्चा के सभी दलों ने एक साथ मिलकर उठाया है. आगामी 19 मार्च को दिल्ली में आयोजित होने वाली रैली में वाम मोर्चा साथ है.
आगामी लोकसभा चुनाव के समय पर होने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि केवल चुनाव के लिए अन्य दलों के साथ वे गठबंधन के लिए तैयार नहीं हैं बल्कि वामदलों की वैकल्पिक नीतियों के साथ जो भी जुड़ने को तैयार हैं उन्हें हम अपना सहयोग दे सकते हैं.
खाद्य सुरक्षा विधेयक की चर्चा करते हुए करात ने कहा कि केंद्र में सत्तासीन कांग्रेस सरकार ने संसद में इसको लेकर जो विधेयक पेश किया है उससे खाद्य सुरक्षा नहीं हो सकती.
उन्होंने कहा कि भारत में जहां सबसे ज्यादा भुखमरी है वहां 90 प्रतिशत लोगों के लिए राशन प्रणाली जरूरी है और उन्हें सस्ते में अनाज मिलना चाहिए.
प्रकाश करात ने कहा कि गत 26 फरवरी को वामपंथी नेता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिले और उनसे एपीएल और बीपीएल का बंटवारा खत्म कर सबके लिए राशन वितरण प्रणाली लागू किए जाने की मांग की पर उन्होंने केवल 67 प्रतिशत लोगों के बीच राशन वितरण की बात कही.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनावी लाभ हासिल करने के लिए संसद के इसी सत्र में खाद्य सुरक्षा विधेयक को पेश कर उसे पारित कराना चहती है. लेकिन माकपा सभी के लिए राशन वितरण प्रणाली लागू कराने की खातिर आगे भी अपने संघर्ष को जारी रखेगी और इसी मकसद से 19 मार्च को दिल्ली में एक रैली आयोजित करने जा रही है.