करगिल विजय दिवस पर भारतीय संसद में देश के जवानों की बहादुरी, शौर्य और पराक्रम की जमकर तारीफ की गई. लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मसले को उठाया और चर्चा की मांग की. इसके बाद लोकसभा स्पीकर के निर्देश पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया.
लोकसभा में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान, भारतीय सेना के बहादुर जवानों के शौर्य और पराक्रम को देख चुका है. लिहाजा वो अब फुल फ्लैश वॉर या लिमिटेड वॉर लड़ने की कभी हिमाकत नहीं कर सकता है.
उन्होंने कहा कि 26 जुलाई को सिर्फ देश में रहने वाले नागरिक ही नहीं, बल्कि विदेश में रहने वाले भारतीय भी करगिल विजय दिवस के रूप में मनाते हैं. करगिल के युद्ध में देश के जवानों ने जिस शौर्य-पराक्रम का परिचय और शहादत दी थी, उसको यह देश कभी भूल नहीं सकता है.'इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को भी हिंदुस्तान की ताकत का एहसास कराया. लोकसभा में जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'जहां तक पाकिस्तान के साथ लड़ाई की बात है, तो पाकिस्तान के साथ हमारी लड़ाई 1965 में भी हुई, 1971 में भी हुई और 1999 में भी हुई. इन युद्धों के दौरान हमारे देश के बहादुर जवानों ने जो करिश्माई काम किया है, उसको सभी ने देखा है.'
My statement in Parliament on the occasion of 20th anniversary of Kargil Vijay Diwas. pic.twitter.com/9cRjedqhdi
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 26, 2019
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के बहादुर जवानों का शौर्य और पराक्रम पाकिस्तान देख चुका है. अब पाकिस्तान हिंदुस्तान के साथ न तो फुल फ्लैश वॉर लड़ सकता है और न ही लिमिटेड वॉर लड़ सकता है. वो सिर्फ प्रॉक्सी वॉर ही लड़ता है.' इस बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमको अपने जवानों पर पूरा यकीन और गर्व है. मैं करगिल युद्ध में भारत को विजय दिलाने वाले जवानों को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं.'
इसके अलावा राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी करगिल के वीर जवानों को याद किया. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'करगिल विजय दिवस हमारे राष्ट्र के लिए 1999 में करगिल की चोटियों पर अपने सशस्त्र बलों की वीरता का स्मरण करने का दिन है. इस मौके पर हम भारत की रक्षा करने वाले योद्धाओं के साहस और बहादुरी को नमन करते हैं.'
पीएम मोदी ने ट्विटर पर भारतीय सेना के जवानों के साथ तस्वीरों को भी साझा किया है. उन्होंने लिखा, 'करगिल युद्ध के दौरान मुझको करगिल जाने और अपने बहादुर जवानों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर मिला था. उस समय मैं जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में अपनी पार्टी के लिए काम कर रहा था. उस समय करगिल का दौरा और जवानों के साथ बातचीत अविस्मरणीय है.'