पाकिस्तानी घुसपैठ का जवाब देने उतरी भारतीय फौज ने करारी शिकस्त दी थी. इस जंग के 18 साल हो गए हैं. 26 जुलाई 1999 को ही भारतीय सेना ने कारगिल में तिरंगा फहराया था तब से हर साल इस दिन को कारगिल विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है. कारगिल विजय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों को सलाम किया. पीएम ने ट्वीट कर लिखा कि हमारे देश की रक्षा और गर्व के लिए जवानों ने लड़ाई लड़ी, हमें जवानों पर गर्व है.
Remembering our brave soldiers who fought gallantly for the pride of our nation & the security of our citizens during the Kargil War.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2017
Kargil Vijay Diwas reminds us of India’s military prowess & the great sacrifices our armed forces make while steadfastly keeping India safe.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2017
इस मौके पर दिल्ली में इंडिया गेट में रक्षा मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में सेना के तीनों अंगो के प्रमुख करगिल जंग में शहीद हुए बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि दी. कारगिल के द्रास में सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू के साथ शहीद हुए जवानों के परिवार वालों करगिल के रण बांकुरों को अपना श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
J&K (Dras): Wreath laying ceremony held to pay tribute to soldiers who lost lives in Kargil War at Dras War Memorial on Kargil Vijay Diwas pic.twitter.com/UbpzaTwKTR
— ANI (@ANI_news) July 26, 2017
500 से अधिक जवान हुए थे शहीद
गौरतलब है कि 1999 में भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर भारतीय जमीन से बाहर कर दिया था. हर साल वीर सैनिकों की कुर्बानी और हमारी जीत को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. 'ऑपरेशन विजय' नाम के इस मिशन में 530 भारतीय वीर सपूतों ने अपने प्राण न्यौछावर किए थे.
बता दें कि तत्कालीन वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में पूरे दो महीने से भी अधिक समय तक चले इस युद्ध में भारतीय थलसेना और वायुसेना ने 'लाइन ऑफ कंट्रोल' पार न करने के आदेश के बावजूद अपनी मातृभूमि में घुसे आक्रमणकारियों को मार भगाया था. दुश्मन पर मिली जीत को 26 जुलाई के दिन हर साल कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.