70 लाख रुपये की घड़ी पहनने को लेकर विवादों में घिरे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इससे अपना पीछा छुड़ा लिया. सिद्धारमैया ने इस घड़ी को विधानसभा स्पीकर को सौंप दिया.
बता दें कि 70 लाख रुपये की घड़ी का विवाद इतना बढ़ा था कि 3 दिनों तक कर्नाटक विधानसभा का सत्र विपक्षी दल बीजेपी और जेडीएस ने चलने नहीं दिया. आखिरकार आखिरकार मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार शाम में इस घड़ी को विधानसभा स्पीकर के. थिमप्पा को सौंप दिया. जिसे नियमों के मुताबिक राज्य की संपत्ति घोषित कर दिया गया.
इससे पहले स्पीकर ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ-साथ विपक्षी बीजेपी के जगदीश शेट्टार और जेडीएस के कुमारस्वामी के साथ लंबी बैठक की ताकि विधानसभा में जारी गतिरोध खत्म हो सके. विपक्षी दल के नेता जगदीश शेट्टार ने कहा कि वो अब भी इस मामले पर चर्चा के अपने फैसले पर अडिग हैं. विपक्ष चाहता है कि प्रमाणिक तौर पर ये साफ हो कि मुख्यमंत्री के पास घड़ी क्या वाकई उनके दोस्त के माध्यम से पहुंची. क्या ये सेकेंड हैंड है. सच्चाई जो भी हो, विपक्ष बहस चाहता है. जिसके लिए सत्ता पक्ष तैयार नहीं है.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पीकर को लिखे अपने पत्र में साफ किया है कि 'कानून का पालन करने वाला नागरिक होने के नाते जैसे ही मेरे मित्र ने मुझे यह घड़ी उपहार स्वरुप दी, मैंने इसके कर का फौरन भुगतान कर दिया और अब मैं इसे राज्य की संपत्ति घोषित करता हूं.'
भले ही मुख्यमंत्री ने इस घड़ी से अपना पीछा छुड़ा लिया हो लेकिन विपक्ष अगर बहस पर अड़ा रहा तो इस महीने की 18 तारिख को पेश होने वाला बजट शायद ही तयशुदा समय पर पेश हो पाएगा.