कर्नाटक के सूखाग्रस्त जिलों में नदी जल की आपूर्ति के लिए एक नहर की परियोजना का जल्द से जल्द क्रियान्वयन करने की मांग को लेकर शनिवार को आहूत कर्नाटक बंद के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा कुछ इलाकों में टायर जलाने की घटनाओं व जबरन दुकानें बंद करवाने की घटनाओं को छोड़ दें, तो बंद शांतिपूर् ण रहा.'
12 घंटों के बंद के मद्देनजर सड़कों पर सरकारी व निजी वाहनों की अनुपस्थिति, दुकानों, बाजारों, होटलों, रेस्तरांओं, मॉल, पेट्रोल पंप तथा सिनेमा थियेटर के बंद रहने से राज्य के शहरों व कस्बों में जनजीवन प्रभावित हुआ है. एहतियातन सरकारी व निजी स्कूलों व कॉलेजों को बंद रखा गया है.
देवनहल्ली स्थित बेंगलुरू हवाईअड्डे पर सैकड़ों यात्री घंटों फंसे रहे, क्योंकि टैक्सियों का परिचालन बंद रहा और ईद व साप्ताहिक छुट्टियों की वजह से वैसे भी सड़कों पर उनकी उपस्थिति कम रही. नहर परियोजना के तहत महादई नदी की सहायक नदियों कालसा व बंदूरी पर बैराजों का निर्माण किया जाना है, ताकि 7.6 टीएमसी (10 हजार लाख घन) फुट पानी को मोड़कर मालाप्रभा नदी में भेजा जाए, ताकि प्रदेश के तीन उत्तरी जिलों को पानी मिल सके.
12 घंटे के बंद के दौरान क्षेत्रीय राजनीति संगठन कन्नड़ चलावली वातल पक्ष के अध्यक्ष वातल नागराज बेंगलुरू के टाउन हॉल में सैकड़ों समर्थकों से मिले और फ्रीडम पार्क तक एक रैली निकाली तथा परियोजना के क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की मांग की. बंद के मद्देनजर किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए बेंगलुरू, मैसूर, हुबली-धारवाड़, बेलागावी तथा गाडग जैसे शहरों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई.
इनपुट...IANS.