कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव के जरिए सियासी समीकरण साधे जाने लगे हैं. कांग्रेस और जेडीएस एक ओर मिलकर राज्यसभा की सीट को कब्जाने की जुगत में हैं. वहीं, बीजेपी में बगावत के उठते सुर देखकर कांग्रेस और जेडीएस बागी नेताओं की घर वापसी के लिए सक्रिय हो गई हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने इसके लिए बकायदा एक टीम गठित की है. वहीं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि उन्हें मालूम था कि उनकी पार्टी से बीजेपी गए लोग पछताएंगे और उन्हें वहां कुछ नहीं मिलेगा.
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार पार्टी की कमान अपने हाथों में लेते ही सक्रिय हो गए हैं. डीके शिवकुमार ने स्थानीय नेताओं से संपर्क करने के लिए एक टीम का गठन किया है. यह नई टीम कांग्रेस छोड़ चुके नेताओं से संपर्क कर उनकी घर वापसी का रास्ता बनाएगी. हालांकि, यह अहम सवाल है कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले नेता क्या पार्टी में वापसी के लिए दिलचस्पी दिखाएंगे.
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वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने बागी नेताओं को साधने के लिए डोरे डालने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने कहा है कि हम जानते थे कि जेडीएस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले नेता एक दिन पछताएंगे और भविष्य के ऐसे दिन दिखाई पड़ेंगे. जाहिर है कि बीजेपी इन लोगों को एमएलसी का टिकट देने और मंत्री बनाने के लिए सहमत नहीं होगी.
दरअसल पिछले साल लोकसभा चुनाव के फौरन बाद कांग्रेस के 14 और जेडीएस के 3 विधायकों ने पार्टी से बगावत कर इस्तीफा दे दिया था, जिसके चलते कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिर गई थी. इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस से इस्तीफा देने वाले विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था और उपचुनाव में जीत दर्ज कर सरकार में शामिल हो गए थे.
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कर्नाटक के राज्यसभा और एमएलसी चुनाव में बीजेपी के भीतर राजनीतिक उठापटक हो रही है. एक दर्जन से अधिक विधायकों, खासकर उत्तर कर्नाटक से संबंध रखने वाले विधायकों ने पिछले गुरुवार को आठ बार के विधायक उमेश कट्टी के आवास पर बैठक की थी. विधायक उमेश कट्टी अपने भाई रमेश कट्टी को राज्यसभा भेजने की मांग कर रहे हैं जबकि वर्तमान राज्यसभा सांसद प्रभाकर कोरे दोबारा से संसद पहुंचने के मूड में हैं.
दरअसल उमेश कट्टी आठ बार के विधायक हैं और इस बात से नाराज बताए जाते हैं कि उन्हें राज्य के कैबिनेट में भी कोई जगह नहीं दी गई है. कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने दावा करते हुए बीजेपी की बेचैनी बढ़ा दी है कि कई विधायक उनके संपर्क में है और मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के कामकाज से खुश नहीं हैं. हालांकि अहम सवाल यह है कि कांग्रेस और जेडीएस छोड़ चुके नेता क्या दोबारा से पार्टी में वापसी करेंगे?