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लोगों का दुख-दर्द जानने गांवों के दौरे पर निकले CM कुमारस्वामी, स्कूल की फर्श पर गुजारी रात

कुमारस्वामी शुक्रवार कलबुर्गी जिले के अफजलपुर तालुक के हेरूर बी गांव पहुंचे. हालांकि इस दौरान वहां भारी बारिश हो गई, जिसके चलते उनका कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा. ऐसे में कुमारस्वामी को चंदकी गांव यादगीर में सरकारी प्राइमरी स्कूल में ठहराया गया. यहां वह एक कमरे में फर्श पर ही सोते हुए नजर आए.

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी (फोटो-नागार्जुन)
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी (फोटो-नागार्जुन)

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ग्राम प्रवास कार्यक्रम के अंतर्गत गांवों का दौरा कर रहे हैं. वह शुक्रवार को उत्तर कर्नाटक में यादगीर जिले में गुरमीतकल तालुक में आने वाले चंद्रकी गांव पहुंचे जहां गांव वालों ने जमकर उनका स्वागत किया. एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री शुक्रवार तड़के यादगीर जिले पहुंचे तो लोगों ने उत्साह के साथ उनका स्वागत किया. चंदकारी गांव पहुंचने तक रास्ते भर लोग उनका स्वागत करते रहे.

इससे पहले, कुमारस्वामी शुक्रवार कलबुर्गी जिले के अफजलपुर तालुक के हेरूर बी गांव पहुंचे. हालांकि इस दौरान वहां भारी बारिश हो गई, जिसके चलते उनका कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा. ऐसे में कुमारस्वामी को चंदकी गांव यादगीर में सरकारी प्राइमरी स्कूल में ठहराया गया. यहां वह एक कमरे में फर्श पर ही सोते हुए नजर आए.

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गांव में नवनिर्मित स्कूल का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने जनता दर्शन कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं और शिकायतें सुनी और उसे सुलझाने के आदेश दिए. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अफसर ने बताया कि चंद्रकी गांव के आसपास के सैकड़ों लोग एकत्रित थे जिनमें किसान, महिला, युवा, कारीगर, व्यापारी और अन्य ग्रामीण शामिल थे. इस दौरान लोगों ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्याएं और शिकायतें रखीं.

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kum_062219091428.jpgचंदकारी गांव के स्कूल में सीएम

मुख्यमंत्री से मिलने वाले ज्यादातर लोगों ने स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य, सड़क, बीजों की समय से आपूर्ति, उर्वरक और पढ़े-लिखे युवाओं के लिए नौकरी की मांग रखी. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक अफसर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और जिस स्कूल में ठहरे थे रात में उसी स्कूल के बच्चों के साथ डिनर किया.  

यह दूसरी बार है जब कुमारस्वामी लोगों के साथ बातचीत करने और उनकी समस्याओं को जानने के लिए एक गांव में रात भर रुकने का कार्यक्रम शुरू किया है. कुमारस्वामी के गांव में उनका घर इसलिए लोकप्रिय था क्योंकि 2006-07 के दौरान जेडीएस-बीजेपी सरकार के दौरान वह गांव में रुकते थे. जहां उनसे मिलना और अपनी शिकायत दर्ज कराना उनके लिए आसान था.

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