कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कथित फोन टैपिंग स्कैंडल मामले की जांच की जिम्मेदारी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया है. येदियुरप्पा ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सभी दल के नेताओं ने फोन टैपिंग मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी, इसलिए मैंने इस केस की जांच सीबीआई से कराने का फैसला लिया है.
बीएस येदियुरप्पा ने कहा, 'मैं फोन टैपिंग केस में सीबीआई जांच कराने का आदेश दूंगा. सीबीआई को इस मामले में कल लिखूंगा. मैंने सीबीआई को इस मामले को सौंपने का फैसला कर लिया है. कांग्रेस के सिद्धारमैया ने भी कहा था कि इस मामले की जांच होनी चाहिए.'
Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa: Phone tapping case(during previous govt) will be handed over to the CBI. Many leaders including Congress legislative party leader have demanded a probe in this issue. pic.twitter.com/UHJgNg6Y0l
— ANI (@ANI) August 18, 2019
सिद्धारमैया ने फैसले का किया स्वागत
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने हिदायत भी दी कि जैसा कि विगत में बीजेपी सीबीआई का इस्तेमाल कठपुतली के रूप में करती थी, इस मामले में न करे.
I welcome the decision of @BSYBJP to hand over the phone tapping case to CBI.
But, in the past, @BJP4India has used CBI as its puppet to unleash its venomous political vendetta. Hope @BJP4Karnataka leaders does not have similar intentions this time.@INCKarnataka
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) August 18, 2019
हाल ही में एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें फराज अहमद नाम का एक शख्स कथित तौर पर बेंगलुरू पुलिस कमिश्नर भास्कर राव से बात कर रहा था. इस बातचीत में कमिश्नर के पद की पैरवी की गई थी. मीडिया में यह बातचीत लीक हो गई थी.
कर्नाटक में नई सरकार गठित होने के बाद भी सियासी हलचल जारी है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता एस प्रकाश ने हाल ही में एचडी कुमारस्वामी की पिछली सरकार पर फोन टैपिंग कराने का आरोप लगाया था और कहा था कि हमारी पार्टी के कई शीर्ष नेता भी इस मामले की जांच की मांग कर रहे हैं. उम्मीद है कि जांच जरूर की जाएगी.
कर्नाटक बीजेपी प्रवक्ता एस प्रकाश ने हाल ही में कहा था कि कहा कि कुमारस्वामी ने अवैध फोन टैपिंग करवाया था जो बताता है कि वह कितना असुरक्षित महसूस कर रहे थे. ज्वाइंट कमिश्नर भी इसकी पुष्टि कर चुके हैं कि करीब 1000 फोन टैप किए गए थे. यहां तक की कांग्रेस के नेताओं के भी फोन टैप किए गए.
उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री की जानकारी के बगैर फोन टैपिंग नहीं कराई जा सकती. इस काम के लिए कुमारस्वामी और सिद्धारमैया दोषी हैं. हमारी पार्टी के कई बड़े नेता भी इसकी जांच की मांग कर रहे हैं. मुझे लगता है कि इसकी जांच होगी. इसी संबंध में रविवार को बीएस येदियुरप्पा ने जांच के आदेश दे दिए हैं.