लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब हर किसी की नजर कर्नाटक और मध्य प्रदेश की सरकार पर हैं. सियासी गलियारों में चर्चा है कि इन दो राज्यों की सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. कर्नाटक में चल रही कांग्रेस और जेडीएस की सरकार पर संकट के बादल हैं. इस बीच राज्य के बड़े कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि वह अभी सिर्फ महात्मा गांधी के विचार पर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी वह सिर्फ ‘बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो और बुरा मत देखो’ की नीति पर आगे बढ़ रहे हैं.
इस बीच कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने राज्य में सभी कांग्रेस मंत्रियों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में गुलाम नबी आज़ाद भी शामिल होंगे. ये बैठक आज शाम को हो सकती है.
राज्य में चल रहे सियासी संकट के बीच डीके शिवकुमार ने कहा, ‘मैं अभी सिर्फ ये देख रहा हूं कि कौन जीता है, कौन हारा है. मेरे पास आगे की डिटेल्स नहीं हैं. अक्सर मुझे मैसेज मिल जाता है, लेकिन इससे आगे मैं कुछ नहीं जानता. मैं सिर्फ गांधी जी की नीति पर आगे बढ़ रहा हूं. वह सिर्फ ‘बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो और बुरा मत देखो’ की नीति पर आगे बढ़ रहे हैं.’
Karnataka Minister DK Shivakumar in Benagluru: I just know who won and who lost. I don't have further details. Usually I get messages, I don't know anything further. I'm just following Gandhi ji's theory "Don't hear bad, don't speak bad and don't see bad." (27.05.2019) pic.twitter.com/RAChLT9GFX
— ANI (@ANI) May 28, 2019
आपको बता दें कि डीके शिवकुमार राज्य के बड़े नेता हैं, जब-जब राज्य में सरकार का संकट गहराया है तो वही सामने आए हैं. कांग्रेस-जेडीएस सरकार बनाने में भी उनकी अहम भूमिका थी.
दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी के नेता कह रहे थे कि 23 मई के बाद कांग्रेस-जेडीएस की सरकार चली जाएगी. अब बीते दिनों ही कर्नाटक कांग्रेस के कुछ विधायकों ने बीजेपी नेता एस.एम. कृष्णा से मुलाकात की थी, जिससे ये हलचल और भी तेज हो गई थी.
कर्नाटक की कुल 28 लोकसभा सीटों में से इस बार भारतीय जनता पार्टी ने 25 सीटें हासिल की हैं, तो वहीं कांग्रेस-जेडीएस को 1-1 सीट मिली है. एक सीट निर्दलीय सांसद के खाते में गई है.
अगर राज्य में विधानसभा की स्थिति को देखें 225 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78, जेडीएस को 37, बसपा को 1, केपीजेपी को 1 और अन्य को 2 सीटों पर जीत मिली थी. यानी कांग्रेस-जेडीएस के पास मिलाकर बहुमत है.