कर्नाटक में जारी सियासी संकट को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार को संसद परिसर में धरना दिया. कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी भी मौजूद हैं. पार्टी के कई आला नेता भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए हैं. संसद परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने हो रहे इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायकों की खरीद फरोख्त कर कर्नाटक सरकार गिराना चाहती है.
Delhi: Congress leaders including Sonia Gandhi, Rahul Gandhi and Anand Sharma protest in front of Gandhi statue in Parliament. Rahul Gandhi tells ANI, "We are protesting against Karnataka and Goa issue" pic.twitter.com/wmZCj7Pihn
— ANI (@ANI) July 11, 2019
कांग्रेस कहना है कि वह गोवा में कांग्रेस विधायकों के मुद्दे को भी उठाएगी. साथ ही संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस कर्नाटक और गोवा के मुद्दे पर विरोध जताएगी. विरोध प्रदर्शन के बारे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि 'हमलोग यहां कर्नाटक और गोवा मुद्दे पर विरोध कर रहे हैं.'
गौरतलब है कि गोवा में बुधवार को एक बहुत बड़े राजनैतिक घटनाक्रम में बीजेपी ने कांग्रेस में जबर्दस्त सेंध लगाते हुए उसे दो फाड़ कर दिया और नेता विपक्ष चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में कांग्रेस के दस विधायकों को अपने में शामिल कर लिया. कांग्रेस के राज्य में 15 विधायक थे. अब पांच बचे हैं. कावलेकर ने पार्टी की राज्य इकाई में टूट के लिए गोवा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद और विपक्षी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं होने को जिम्मेदार बताया. इस हैरान कर देने वाले घटनाक्रम के बाद अब राज्य विधानसभा में बीजेपी विधायकों की संख्या 17 से बढ़कर 27 हो गई है.
उधर कर्नाटक में सियासी उठापटक बुधवार को और तेज हो गई, जब कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने राज्यपाल वजुभाई वाला से आग्रह किया कि वह एच. डी. कुमारस्वामी सरकार को शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश दें. इस बीच, कर्नाटक कांग्रेस के दो और विधायकों, एम. टी. बी. नागराज और डी. सुधाकर ने बुधवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया. अब एक जुलाई से इस्तीफा सौंपने वाले पार्टी के विधायकों की संख्या 13 हो गई है.
अगर ये सभी इस्तीफे मंजूर कर लिए जाते हैं, तो विधानसभा में अध्यक्ष सहित पार्टी की ताकत 79 से घटकर महज 66 रह जाएगी.