कर्नाटक में सत्ता के ‘नाटक’ का फिलहाल अंत नहीं हुआ है. कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को भी विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं हो पाई. विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही 22 जुलाई यानी सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी. अब कांग्रेस-जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) गठबंधन सरकार को सोमवार को सदन में बहुमत साबित करना होगा यानी कुमारस्वामी सरकार के पास सिर्फ 48 घंटे ही बचे हैं!
‘कुमारस्वामी सरकार का अंतिम सोमवार’
शुक्रवार को चले सियासी ‘ड्रामे’ के बीच भारतीय जनता पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि एचडी कुमारस्वामी सरकार के लिए सोमवार अंतिम दिन होगा, उनके पास नंबर नहीं हैं और वे उन लोगों को अनुमति नहीं दे रहे हैं जिनके पास सरकार बनाने के लिए नंबर हैं. हमारे पास कुल 106 सदस्य हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो विधायक मुंबई में हैं, उन्हें सत्र में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है.
BJP Karnataka President,BS Yeddyurappa: Monday will be the last day for HD Kumaraswamy govt, they don't have numbers & they aren't allowing the people who have numbers to form govt. We are 106 members totally. SC has said MLAs who are in Mumbai can't be forced to attend session. pic.twitter.com/LFUpQxiUS7
— ANI (@ANI) July 19, 2019
इससे पहले विधानसभा में कार्यवाही के दौरान कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा था कि गवर्नर के आखिरी पत्र में कहा गया था कि शुक्रवार को वोटिंग खत्म होनी चाहिए. हमारे पक्ष के लोग देर रात तक शांति से बैठेंगे.
BJP Karnataka President,BS Yeddyurappa:We respect you, Speaker sir.Governor's last letter said the vote should finish today. People on our side will sit peacefully till late in the night. Let it take however long it takes & it'll also mean that we can respect Governor's direction pic.twitter.com/4RpB4s9qCC
— ANI (@ANI) July 19, 2019
सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस
इस बीच, कांग्रेस कर्नाटक संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची. कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि कोर्ट का 17 जुलाई का आदेश पार्टी के अपने विधायकों को व्हिप जारी करने के अधिकार का हनन करता है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि कांग्रेस-जेडीएस के 15 विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
कर्नाटक विधानसभा (फोटो- IANS)
वहीं कर्नाटक के डिप्टी सीएम जी परमेश्वर ने बताया कि हम 2 मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए हैं. उन्होंने कहा कि पहला मुद्दा तो ये कि पार्टियों को अपने विधायकों को व्हिप जाने करने का अधिकार है और इसे कोई भी कोर्ट पार्टियों से ले नहीं सकता. और दूसरा मुद्दा ये कि जब सदन सत्र में होता है, तो गवर्नर विश्वास मत के लिए दिशा-निर्देश या समय-सीमा जारी नहीं कर सकता है.
Karnataka Dy CM G. Parameshwara: We've approached SC to contend 2 major issues: Parties have right to issue whips to their legislators&this can't be taken away by any court. When House is in session, Governor can't issue directions or deadlines to when we should have a trust vote pic.twitter.com/JNOEdS313g
— ANI (@ANI) July 19, 2019
उधर, कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट, विधायकों और सदन को सूचित करना चाहते हैं. किसी भी विधायक ने मुझे संरक्षण देने के लिए पत्र नहीं दिया है और मुझे नहीं पता कि क्या उन्होंने सरकार को लिखा है. यदि उन्होंने किसी भी सदस्य को सूचित किया है कि वे सुरक्षा कारणों से सदन से दूर रहे हैं तो वे लोगों को भ्रमित कर रहे हैं.
Karnataka Speaker KR Ramesh: Want to inform SC, people & the House. No MLA has given me letter seeking protection & I don't know if they've written to govt. If they have informed any member that they have stayed away from House for security reasons then they're misleading people pic.twitter.com/np75rlnj9x
— ANI (@ANI) July 19, 2019
CM ने खटखटाया SC का दरवाजा
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को सर्वोच्च कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने कोर्ट से 17 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण की मांग की जिसमें 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने के विकल्प चुनने की अनुमति प्रदान की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति परीक्षण करने के संबंध में राज्यपाल हस्तक्षेप कर रहे हैं.
Karnataka Chief Minister HD Kumaraswamy in state Assembly: I leave the decision on the floor test to you (the Speaker). It won't be directed by Delhi. I request you to protect me from the letter sent by the Governor. https://t.co/zUHJxNKpIZ
— ANI (@ANI) July 19, 2019
गौरतलब है कि कांग्रेस-जेडीएस के 15 बागी विधायकों के विधानसभा नहीं पहुंचने से पूरा समीकरण ही बदल गया है. अब पूरे घटनाक्रम पर सबकी निगाहें है कि सोमवार को क्या होगा.