कर्नाटक के बागी विधायकों की ओर से दायर की गई याचिका पर बुधवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि आदेश मुकुल रोहतगी और अभिषेक मनु सिंघवी की मौजूदगी में ही सुनाएंगे. उन्होंने हमारा काफी समय लिया और उनको कोर्ट के सामने पेश होने दें. चीफ जस्टिस के इतना कहने के बाद ही सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी गई. मुकुल रोहतगी विधायकों के वकील हैं और अभिषेक मनु सिंघवी कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर रमेश कुमार का पक्ष कोर्ट में रख रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर मंगलवार को विश्वास प्रस्ताव पर चार दिनों की बहस के बाद कर्नाटक में एच. डी. कुमारस्वामी की सरकार गिर गई. विधानसभा में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की अगुआई वाली कांग्रेस व जनता दल सेक्युलर (जद-एस) की गठबंधन सरकार विश्वास मत हासिल नहीं कर पाई. 225 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत के लिए 20 विधायक सदन में मौजूद नहीं रहे. विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने विश्वास मत के बाद सदन के सदस्यों को बताया कि मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए. उन्होंने बताया कि विश्वास मत के पक्ष में 99 जबकि इसके खिलाफ 105 मत पड़े हैं. इसके बाद बीजेपी ने कहा कि वह राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. इसके लिए बीजेपी को 113 सदस्यों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी.
इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस और जेडीएस के 15 विधायकों ने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद राज्य में कुमारस्वामी सरकार के लिए संकट पैदा हो गया था. वहीं मंगलवार को फ्लोर टेस्ट में सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण 14 महीनों में ही गिर गई. सरकार गिरने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि लालची लोगों को गठबंधन अपने रास्ते में सत्ता में पहुंचने के लिए रुकावट की तरह लगता था, वे लोग जीत गए जबकि लोकतंत्र और राज्य के लोग हार गए.
राहुल ने ट्वीट में लिखा, 'पहले दिन से, कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन निहित दिलचस्पी के कारण निशाने पर था. बाहर और अंदर, जो लोग गठबंधन को सत्ता के रास्ते में रुकावट के तौर पर देखते थे, उनका लालच आज जीत गया. जबकि लोकतंत्र, ईमानदारी और कर्नाटक के लोग हार गए. '