कर्नाटक में अपना-अपना कुनबा बचाने के लिए कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस तीनों ही पार्टियां इस वक्त रिजॉर्ट पॉलिटिक्स के सहारे हैं. कांग्रेस और जेडीएस तो पहले से ही अपने विधायकों को रिजॉर्ट में ठहराया था अब बीजेपी को भी चिंता सता रही है कि कहीं सत्ता पक्ष उसके विधायकों को न तोड़ ले. बीजेपी की ये चिंता तब और बढ़ गई जब सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि वह फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं. इसके बाद बीजेपी नेअपने विधायकों को बेंगलुरु के नजदीक रामदा रिजॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है.
इस बीच कांग्रेस ने अपने विधायकों को ताज विवांता यशवंतपुर में शिफ्ट कर दिया है. कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने वाले विधायकों को मनाने की भरपूर कोशिश कर रही है. शनिवार को कर्नाटक सरकार के मंत्री डीके शिवकुमार पार्टी से इस्तीफा देने वाले विधायक एमटीबी नागराज से मिलने पहुंचे. थोड़ी देर में बाद ही डिप्टी सीएम जी परमेश्वर भी एमटीबी नागराज के घर पहुंचे और उन्हें मनाने की कोशिश की. जेडीएस ने अपने विधायकों के ठहरने के लिए मशहूर गोल्फशायर होटल में इंतजाम कराया है.
बता दें कि 8 दिन पहले शुरू हुए राजनीतिक घटनाक्रम में कर्नाटक के अबतक 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इनमें से 13 कांग्रेस के और 3 जेडीएस के विधायक हैं. हालांकि स्पीकर रमेश कुमार ने अबतक किसी भी विधायक का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. शुक्रवार को ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. अब 16 जुलाई तक स्पीकर इन विधायकों को अयोग्य नहीं ठहरा पाएंगे.
कर्नाटक की सत्ता का गणित
कर्नाटक में विधानसभा के 224 सदस्य है. यहां पर सरकार बनाने के लिए 113 विधायकों का समर्थन चाहिए. मौजूदा हालत में बीजेपी ने 107 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. अगर बात कांग्रेस और जेडीएस की करें तो यहां पर कांग्रेस कुल 79 विधायक है. इसमें स्पीकर भी शामिल हैं. लेकिन अभी 13 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. इसके बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या 66 हो जाती है. जेडीएस के विधायकों की संख्या 37 है. इनमें से 3 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. इस तरह से जेडीएस के विधायकों की संख्या 34 रह गई है. एक विधायक बहुजन समाजपार्टी का है जो कांग्रेस-जेडीएस सरकार को समर्थन कर रहा है. बता दें कि स्पीकर ने अबतक किसी विधायक का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है.