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कर्नाटक में पानी की किल्लत, सरकार ने दिया मंदिरों में हवन करने का आदेश

कर्नाटक में पहले की राज्य सरकारें भी पानी की किल्लत दूर करने के लिए पूजा और अनुष्ठान का सहारा लेती रही हैं. इस लिहाज से मौजूदा एचडी कुमारस्वामी सरकार की ये पहल कोई नहीं है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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कर्नाटक में लोग पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं. पानी की समस्या को दूर करने के लिए कर्नाटक सरकार ने एक अनूठा आदेश जारी किया है. कर्नाटक सरकार ने राज्य सरकार के तहत आने वाले सभी मंदिरों एक सर्कुलर जारी किया है और अच्छी बारिश के लिए विशेष पूजा और हवन करने को कहा है. सरकार ने यह भी कहा है कि पूजा और हवन की इस प्रक्रिया में प्रत्येक मंदिर 10,001 रुपए से अधिक खर्च नहीं करे.

कर्नाटक में पहले की राज्य सरकारें भी पानी की किल्लत दूर करने के लिए पूजा और अनुष्ठान का सहारा लेती रही हैं. इस लिहाज से मौजूदा एचडी कुमारस्वामी सरकार की ये पहल कोई नहीं है.

मवेशी बेच रहे किसान

इधर कर्नाटक में पानी के संकट को देखते हुए हुबली के किसानों ने अपने मवेशियों बेचने का फैसला किया है. किसानों ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि हमारे पास मवेशियों को खिलाने के लिए कुछ नहीं है. यहां बारिश नहीं हो रही है हम कुछ भी उगा नहीं पा रहे हैं, इन्हें हम क्या खिलाएंगे? हम यहां अपने मवेशी बेचने के लिए आए हैं लेकिन कोई इनके उचित दाम नहीं दे रहा है.

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कर्नाटक इन दिनों पानी की घोर किल्लत से जूझ रहा है. कर्नाटक के शिमोगा शहर को पानी पहुंचाने वाला तुंगा बांध सूखने की कगार पर आ गया है. पूरा शहर विकट पानी की समस्या से जूझ रहा है. शिमोगा की कुल जनसंख्या 3.60 लाख है. रोजाना पानी की सप्लाई इसी बांध के पानी से होती है.

जिला प्रशासन ने एक ऑर्डर जारी कर कहा है कि लोगों को पीने का पानी मुहैया करवाया जाए. पीने का पानी ही देना उनकी पहली प्राथमिकता है. पानी टैंकर के मालिक ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि राज्य में पिछले 3-4 सालों से बारिश देरी से हो रही है, लेकिन पानी का विकट संकट पहली बार हुआ है. यह पहली बार है कि हमें पीने का पानी भी टैंकर से पहुंचाना पड़ रहा है. 31 मई को मौसम विभाग ने पूरे देश में जून से सितंबर तक नॉर्मल बारिश का अनुमान लगाया था.

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