देश के नंबर 1 न्यूज चैनल ‘आजतक’ का फ्लैगशिप शो ‘सीधी बात’ शनिवार 24 मार्च को सवालों में नई धार और तेवरों के साथ दोबारा शुरू हुआ. इसी शो की पहली कड़ी में श्वेता सिंह के बेबाक सवालों के अमित शाह ने बिना किसी लाग लपेट सीधे जवाब दिए. अपने जवाबों में अमित शाह कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी को लेकर काफी हमलावर दिखे. साथ ही 2019 में तीसरे मोर्चे और विपक्षी पार्टियों के गठबंधन के प्रयासों पर टिप्पणी की. हालांकि कर्नाटक के टारगेट पर अमित शाह ने कहा कि यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.
अमित शाह ने कहा कि जब भी कोई मजबूत पार्टी खड़ी होती है तो बाकी सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर उसे हराने का प्रयास करती है. ऐसे में गठबंधन को लेकर कोई खतरा नहीं है. वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी तीसरे मोर्चे के लीडर बन सकते हैं तो अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी के हार के रेकॉर्ड को देखते हुए तीसरा मोर्चा खुद नहीं चाहता कि उनकी हार की परछाई उस पर पड़े.
कर्नाटक के टारगेट पर गोलमोल जवाब
कर्नाटक को लेकर अमित शाह ने यह जरूर कहा कि उनकी पार्टी यह चुनाव जीतने जा रही है. हालांकि बीजेपी को इस चुनाव में कितनी सीटें मिल सकती है या बीजेपी ने कर्नाटक के लिए क्या टारगेट सेट किया है तो अमित शाह गोलमोल जवाब देते दिखे और सीधा जवाब नहीं दिया. आपको बता दें कि बीजेपी लगातार बड़े चुनावों में पहले ही निर्धारित सीटें मिलने का दावा कर रही थी. हालांकि गुजरात चुनाव में अमित शाह और बीजेपी के दावें सच नहीं साबित हुए और बीजेपी 150 की जगह सिर्फ 99 सीटों पर सिमट गई थी.
गुजरात की तरह कर्नाटक में बीजेपी की जीत के लिए सीटों का लक्ष्य नहीं तय करने के सवाल पर शाह ने कहा, ‘सब कुछ इस पर निर्भर करता है कि क्या सिचुएशन होगी और विपक्ष का गठबंधन क्या होगा. लेकिन ये तय है कि हम बहुमत के साथ जीतेंगे.’
कर्नाटक पर यह भी कहा
कर्नाटक कांग्रेस के आखिरी गढ़ों में बचा है और पार्टी इस पर कब्जा बरकरार रखने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है- मसलन लिंगायत कार्ड खेलना, इस संदर्भ में शाह ने कहा, ‘कर्नाटक के लोग और लिंगायत समुदाय अच्छी तरह जानते हैं कि कांग्रेस ने 2013 में इस समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. कांग्रेस इस मुद्दे को हवा दे रही है क्योंकि वो जानती है कि विकास के नाम पर वो चुनाव नहीं लड़ सकती.’
अभी नहीं मंत्री बनने के लिए समय
सरकार में शामिल होने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि उनके ऊपर पार्टी को आगे ले जाने की बड़ी जिम्मेदारी है. ऐसे में अभी सरकार में शामिल होने की कोई विचार नहीं है. वहीं बीजेपी अध्यक्ष ने माना कि उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में कम वोटिंग प्रतिशत और ऐन मौके पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच हुआ गठबंधन भी बीजेपी की हार की वजहों में शामिल रहे. शाह के मुताबिक पार्टी उपचुनाव में हार के कारणों की विस्तार से जांच कर रही है. इस पर पार्टी विचार और आत्मचिंतन भी करेगी. हालांकि, अगली ही सांस में शाह ये जोड़ना नहीं भूले कि ‘पार्टी 2019 में 50 फीसदी वोट शेयर के लिए लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.
शाह ने कहा, ‘हमने हार के कारणों की जांच के लिए कमेटी बनाई है और उसकी जो रिपोर्ट आएगी उस पर काम किया जाएगा. उपचुनाव स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रख कर लड़े जाते हैं. हर स्थानीय चुनाव की अलग डायनामिक्स होती है. लेकिन आम चुनाव में, बड़े नेता और मुद्दे शामिल होते हैं. 2019 में बीजेपी और नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) अधिक सीटें हासिल करेंगे.’