कर्नाटक के दो विधायक आर शंकर और नागेश सोमवार को सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट से दोनों विधायक जल्द शक्ति परीक्षण करवाने की मांग करेंगे. गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण टल रहा है.
इन दोनों निर्दलीय विधायकों का आरोप है कि कर्नाटक में 'संवैधानिक लोकतंत्र' की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इन दोनों विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री के पास सदन में बहुमत नहीं है, इसके बाद भी गलत तरीके से ट्रस्ट वोट रोका जा रहा है, खुद को हॉस्पिटल में भर्ती करने की योजना बनाकर आगे भी ट्रस्ट वोट रोकने की कोशिश की जा रही है. दोनों विधायक सुप्रीम कोर्ट से जल्द विश्वास प्रस्ताव लाए जाने की मांग कर रहे हैं.
इससे पहले 19 जुलाई को कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि कोर्ट का 17 जुलाई का आदेश पार्टी के अपने विधायकों को व्हिप जारी करने के अधिकार का हनन करता है. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि कांग्रेस और जेडीएस के 15 विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने भी बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने शीर्ष अदालत से 17 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण की मांग की जिसमें 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने के विकल्प चुनने की इजाजत दी गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति परीक्षण करने के संबंध में राज्यपाल हस्तक्षेप कर रहे हैं.