लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए की बंपर जीत के बाद माना जा रहा है कि कई राज्यों में सत्ता परिवर्तन हो सकता है जिसमें कर्नाटक प्रमुख राज्य है. कर्नाटक में इस समय कांग्रेस और जनता दल सेकुलर (जेडीएस) की गठबंधन वाली सरकार चल रही है जिसमें कई विधायक अंसतुष्ट बताए जा रहे हैं. सरकार बचाने की कोशिश के तहत कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने आज बुधवार को बेंगलुरू में 3 नाराज विधायकों से मुलाकात की.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य प्रभारी केसी वेणुगोपाल मंगलवार को बेंगलुरू पहुंचे और आज बुधवार को 3 असंतुष्ट विधायकों बसनगौड़ा डाडल, अजय सिंह और होलागिरी से मुलाकात की और उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की. इस बीच कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता एचके पाटिल ने कहा कि सीएलपी की बैठक में सभी विधायक शामिल होंगे. हालांकि बैठक में शामिल होने वाले विधायकों की संख्या से यह पता लग सकेगा कि कितने विधायक पार्टी से नाराज चल रहे हैं.
पिछले हफ्ते लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद कांग्रेस पर दो राज्यों में अपनी सरकारों का बचाने संकट बताया जा रहा है. चुनाव परिणाम आने के बाद बीजेपी नेताओं की बयानबाजी शुरू हो गई थी कि मध्य प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस की सरकारें कभी भी गिर सकती हैं.
मतभेद की खबरें
मध्य प्रदेश में तो कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक रमाबाई पथरिया आरोप भी लगा चुकी हैं कि बीजेपी ने मंत्री पद और मोटी रकम देने का प्रलोभन दिया था.
इस बीच, कर्नाटक सरकार में शामिल कांग्रेस और जेडीएस के बीच मतभेद की खबरें भी आई थी, जिसे सुलझाने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य प्रभारी केसी वेणुगोपाल मंगलवार को बेंगलुरू पहुंच गए. सूत्रों का कहना है कि वह राज्य सरकार के मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और विधायकों से मुलाकात कर संकट को दूर करने का प्रयास करेंगे. साथ ही पार्टी के विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई है.
केसी वेणुगोपाल के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को भी कर्नाटक का दौरा करना था, लेकिन राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बाद पैदा हुए राजनीतिक हालात के मद्देनजर उनका दौरा रद्द हो गया.
2 कांग्रेसी विधायकों की कृष्णा से मुलाकात
लोकसभा चुनाव परिणाम आने से पहले ही बीजेपी के कई नेता कह रहे थे कि 23 मई के बाद कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस की सरकार चली जाएगी. कुछ दिनों पहले ही कर्नाटक कांग्रेस के 2 विधायकों ने बीजेपी नेता एसएम कृष्णा से मुलाकात की थी, जिससे ये अटकलें और तेज हो गई थीं.
कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से इस बार बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 25 सीटें हासिल की हैं तो वहीं कांग्रेस-जेडीएस के खाते में 1-1 सीट गईं जबकि एक सीट निर्दलीय सांसद के खाते में गई है. वहीं पिछले साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 225 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78, जेडीएस को 37, बसपा को 1 और अन्य को तीन सीटों पर जीत मिली थी.
बाद में कांग्रेस और जनता दल (एस) ने मिल-जुलकर सरकार बना ली थी, लेकिन कुछ समय बाद ही सरकार के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे और दोनों पार्टियों में अनबन की खबरें भी सुनाई देने लगी.