कर्नाटक की बहुचर्चित IPS डी. रूपा एक बार फिर चर्चा में हैं. एआईएडीएमके प्रमुख शशिकला को जेल में मिल रहे स्पेशल ट्रीटमेंट का खुलासा करने में अहम भूमिका निभाने वालीं डी. रूपा की रिपोर्ट को कर्नाटक सरकार ने स्वीकार कर लिया है.
उस दौरान एक फुटेज सामने आई थी, जिसमें शशिकला को जेल से बाहर जाते हुए देखा गया था. डी. रूपा ने दावा किया था कि जेल के ही कुछ लोग इसमें शामिल थे और शशिकला की मदद कर रहे थे. कर्नाटक सरकार ने अब रूपा की अपील को स्वीकार किया है और रिपोर्ट पर जांच बैठाने की बात कही है.
रूपा ने डीजीपी सत्यनारायण पर आरोप लगाए थे कि किचन बनवाने के लिए जेल वालों ने 2 करोड़ रुपये लिए थे. इसके अलावा उन्होंने कई अवैध गतिविधियां होते देखीं गई थीं. उनके मुताबिक़ उन्होंने 25 कैदियों का ड्रग टेस्ट किया जिसमें 18 को ड्रग पॉजिटिव पाया गया.
रूपा के मुताबिक फेक पेपर स्टैंप केस में दोषी पाए गए अब्दुल करीम तेगी, जिसको भर्ती के वक़्त व्हीलचेयर चलाने के लिए एक व्यक्ति दिया गया था, वो असल में जेल में लेटा 4 लोगों से मालिश करवा रहा था. इस काम के लिए रूपा को उनके सीनियर ने शो कॉज नोटिस भेज दिया गया है.
अपने बेबाक तेवर के चलते रूपा ने इससे पहले भी कई बार सिस्टम से लोहा लिया है. गौरतलब है कि बीजेपी के सांसद प्रताप सिम्हा ने एक आर्टिकल को ट्विटर पर टैग किया कि ऐसे कई अफसर हैं जिन्होंने अपनी मनचाही जगह पर ट्रान्सफर न मिलने पर अपना राज्य ही बदल लिया.
बता दें कि रूपा की जब मध्य प्रदेश में SP के तौर पर पोस्टिंग थी, इन्होंने उस समय की मुख्यमंत्री उमा भारती को धार्मिक दंगों के चलते गिरफ्तार किया था. बेंगलुरु में DCP के तौर पर पोस्टेड थीं, इन्होंने पुलिस वालों को VVIP लोगों की सेवा से हटा लिया था.