कर्नाटक के मुख्यमंत्री के सिद्धारमैया फिर से नए विवाद में घिर गए हैं. इस बार सोशल मीडिया पर उनकी नई एसयूवी खरीदने को लेकर हंगामा मचा है. बताया जा रहा है कि उन्होंने यह नई गाड़ी सिर्फ इसलिए खरीदी है कि उनकी पुरानी एसयूवी पर कौआ बैठ गया. इस बात को अपशकुन मानकर उन्होंने नई कार का ऑर्डर दे दिया.
पहले 70 लाख रुपये की घड़ी खरीदने पर हुआ था बवाल
सत्तर लाख की घड़ी गिफ्ट में लेने के बाद विवादों में फंसे सिद्धारमैया इस बार कौए की वजह से घिर गए हैं. 'बेंगलुरू मिरर' में छपी खबर के मुताबिक अंधविश्वास विरोधी कानून के समर्थक
रहे सिद्धारमैया की कार खरीदने का ऑर्डर कन्नड़ मीडिया और सोशल मीडिया में छाया हुआ है. क्योंकि यह रकम आम करदाताओं की जेब से कटेगा.
नई कार खरीदने से सरकार को 35 लाख रुपये की चपत
राज्य सरकार की ओर से सीएम के लिए नई फॉर्च्यूनर टॉप मॉडल कार ऑर्डर भी कर दी गई है. इस तरह कौए के कार पर बैठने से कर्नाटक सरकार को 35 लाख रुपये की चपत लगी है. इस
महीने की शुरुआत में दो जून को कार पर कौवा बैठने के बाद ऑर्डर जारी किया गया था. यह फैसला कर्नाटक के राजनीतिक हलकों में तेजी से लिए 'यू-टर्न' की तरह देखा जा रहा है.
सीएम आवास में लगी कार पर बैठ गया था कौवा
मुख्यमंत्री के सरकारी आवास 'कृष्णा' में पार्क की हुई कार पर कौआ देखा गया था. सीएम आवास के स्टाफ ने उस कौए को भगाने की कोशिश की, लेकिन वह टस से मस नहीं हुआ. मामले को
लेकर स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काफी बहस हुई. सीएम सिद्धारमैया के पुराने अंधविश्वास विरोधी बयान भी सामने लाए गए.
कौवे को बताया राज्य सरकार की दिक्कतों की वजह
उसी दौरान राज्य सरकार के सामने सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल की चुनौती खड़ी हो गई और पुलिस वालों ने सामूहिक छुट्टी की धमकी दी थी. इस बीच मुख्यमंत्री के करीबियों ने कार पर
कौवा बैठने की घटना को बुरी किस्मत से जोड़ा. साथ ही उन्हें गाड़ी बदलने की सलाह दे डाली. सीएम ने ऐसा ही किया. भले ही पहले उन्होंने इस तरह के अंधविश्वास का खुलेआम माखौल
उड़ाया हो.
कौवे की वजह से कार बदलने से सीएमओ का इनकार
कार पर कौआ बैठने के मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस वजह से गाड़ी बदलने की बात से इनकार किया है. सीएमओ से जारी एक बयान के मुताबिक, मौजूदा गाड़ी तीन साल पुरानी हो गई
थी. इसलिए मुख्यमंत्री के लिए नई कार खरीदना जरूरी हो गया था. इसके पीछे और कोई वजह नहीं है.