लोकसभा चुनाव में जनता दल सेक्युलर को मिली करारी हार से पार्टी में अब तक सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. जेडीएस की कर्नाटक इकाई के प्रदेश अध्यक्ष एच विश्वनाथ ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा से उनके इस्तीफा स्वीकार करने की बात दोहराई है. अब इस पर मुद्दे पर एचडी देवगौड़ा ने कहा है कि उन्होंने शुक्रवार को पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई है जिसमें विश्वनाथ के इस्तीफे पर फैसला होगा.
विश्वनाथ के इस्तीफे पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि विश्वनाथ पार्टी नहीं छोड़ेंगे लेकिन वे अध्यक्ष पद छोड़ना चाहते हैं. मैंने पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई है. हम उन्हें मनाने की पूरी कोशिश करेंगे.
Former PM and JDS leader HD Deve Gowda: Our Karnataka party president, H Vishwanath has said that he will not quit the party but he does not want to continue as the president. I have called a meeting of our leaders. We will try and convince him otherwise. pic.twitter.com/2dTygyMiUs
— ANI (@ANI) June 20, 2019
हालांकि, पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा ने साफ कर दिया कि मैंने शुक्रवार को पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई है. कल होने वाली इस बैठक में गठबंधन सरकार या कैबिनेट विस्तार पर कोई चर्चा नहीं होगी.
Former PM and JDS leader HD Deve Gowda: I've called a meeting of leaders of our party tomorrow. No discussions will be held on coalition government or cabinet expansion in the meeting tomorrow. pic.twitter.com/egblvapHk8
— ANI (@ANI) June 20, 2019
इससे पहले, जेडीएस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष एच विश्वनाथ ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने पद से इस्तीफा देने की बात दोहराई. एच विश्वनाथ ने कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से उनका इस्तीफा स्वीकार करने को कहा है. विश्वनाथ के मुताबिक देवगौड़ा ने उनके इस्तीफे पर फैसला काफी दिनों से लंबित रखा है.
गौरतलब है कि कर्नाटक में जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एच विश्वनाथ ने हालिया लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. लोकसभा चुनाव में जेडीएस को मात्र एक सीट पर जीत मिली थी. विश्वनाथ ने कहा था कि कांग्रेस 20 सीटें हार गई और 10 सीटों में से 9 को बरकरार रखने में विफल रही. जेडीएस 6 सीटें हार गई. 2014 में जो हमने दो सीटें जीती थीं, हम सिर्फ एक सीट को बरकरार रख सके