कर्नाटक निकाय चुनाव में राज्य की 105 निकाय सीटों के 2662 वार्डों के नतीजों के अंतिम आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है.
कुल 2662 वार्डों में कांग्रेस ने 982, बीजेपी ने 929 और जेडी (एस) ने 375 सीटों पर जीत दर्ज की है. इनके अलावा 329 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. तो वही बीएसपी ने 13 वार्ड और अन्य के खाते में 34 सीटें आई हैं.
निकाय चुनाव के परिणाम पर बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने कहा कि हम सफल हुए हैं. जेडीएस और कांग्रेस बीजेपी को दूर रखने के लिए एक साथ काम करेगी.
We have succeeded. JDS and Congress will go together to keep BJP at a distance: Former PM HD Deve Gowda on #KarnatakaLocalBodyElection2018 pic.twitter.com/ZOgaEwrASc
— ANI (@ANI) September 3, 2018
वहीं इन नतीजों पर कर्नाटक के मुथ्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि, आम तौर पर शहरी मतदाता बीजेपी को वोट करते हैं, लेकिन इस नतीजे से यह साबित हुआ है कि अब शहरी वोटर भी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को पूरा समर्थन दिया है.
City voters normally vote for BJP, but with the outcome of this result, now even city voters have shown full support for the coalition govt led by Congress & JDS: HD Kumaraswamy, Karnataka CM, on #KarnatakaLocalBodyElections results pic.twitter.com/BoaDsQAoVF
— ANI (@ANI) September 3, 2018
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर कांग्रेस और जेडीएस एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े हैं. यही वजह है कि निकाय चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस के बीच कांटे का मुकाबला है. बता दें कि 31 अगस्त को राज्य के 105 शहरी निकाय क्षेत्र पर चुनाव हुए हैं. इनमें 29 शहर नगरपालिकों, 53 नगर पालिकाओं. 23 नगर पंचायत और 135 कॉर्पोरशन वार्ड के लिए वोट डाले गए थे.
इन सभी सीटों के निकाय चुनाव के वार्ड के लिए 8,340 उम्मीदवार थे. वहीं कांग्रेस के 2,306, बीजेपी के 2,203 और 1,397 जेडीएस के थे. इन चुनावों में EVM का इस्तेमाल किया गया था.दिलचस्प बात ये है कि इस चुनाव में कई उम्मीदवारों को पार्टियों ने टिकट नहीं दिया था इसलिए वह निर्दलीय चुनाव लड़े थे. ऐसे में इन निर्दलीय के नतीजे भी मायने रखेंगे.