कर्नाटक में जल संकट गहराता जा रहा है. मांड्या में मंगलवार को किसानों ने कावेरी और हेमावती नदी के पानी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मंत्री डीके शिवकुमार की कार को रोक दिया गया. डीके शिवकुमार ने कहा कि मेरे हाथ में कुछ नहीं है. यह मामला एमजीएमटी देख रही है और मैं उनसे बात करूंगा.
वहीं बेंगलुरु में डीके शिवकुमार को एक मामले में कोर्ट जाने के लिए मेट्रो का सहारा लेना पड़ा क्योंकि रास्ते में वाल्मिकी समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे और रास्ते में जाम लगा हुआ था. यातायात जाम की वजह से उस रास्ते से कोर्ट पहुंचना मुमकिन नहीं था. इसलिए शिवकुमार को मेट्रो ट्रेन के जरिये फिर कोर्ट पहुंचना पड़ रहा है.
Karnataka Minister DK Shivakumar takes metro to reach Special Court, as traffic near Vidhana Soudha, Bengaluru is affected due to protest by Valmiki community. They're demanding 7.5% reservation for their community. He's going to court for hearing in disproportionate assets case. pic.twitter.com/NEUvBfL7VX
— ANI (@ANI) June 25, 2019
बहरहाल, सूख के विकट हालात से जूझ रहे कर्नाटक में मानसून की देरी से समस्या और गंभीर बन गई है, जिसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने केंद्र से राहत कार्य के लिए 1,500 करोड़ रुपये की मांग की है. एक अधिकारी ने बताया, "मुख्यमंत्री एच. डी. देवगौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रदेश के सूखा प्रभावित 26 जिलों में चल रहे राहत कार्य के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की योजना के तहत प्रदेश को 1,500 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की."
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलने के साथ मोदी के दोबारा सत्ता में आने के बाद उनके साथ पहली मुलाकात में कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि प्रदेश सरकार ने कर्नाटक के 196 स्थानीय निकायों में से 160 में हालात खराब होने के संबंध में एक रिपोर्ट सौंपी है. प्रदेश में पिछले साल 45 फीसदी कम बारिश होने और इस साल मानसून-पूर्व बारिश के हालात भी कमजोर रहने के कारण सूखे की विकट स्थिति पैदा हो गई है.