कर्नाटक में मंगलौर के पास एक हिन्दूवादी कार्यकर्ता की हत्या की घटना के बाद कथित तौर पर बदले में चार हमलावरों ने 47 वर्षीय जिस व्यक्ति को हमला कर घायल कर दिया था उसकी रविवार को अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
तीन जनवरी को कटिपल्ला में हमला कर बजरंग दल और बीजेपी से जुड़े 28 वर्षीय दीपक राव की हत्या कर दी गई थी. जिससे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील दक्षिण कन्नड जिले में तनाव पैदा हो गया और घटना के कुछ ही घंटों के भीतर यहां नजदीक के कोट्टारा चौकी में अहमद बशीर पर हमला किया गया था.
पुलिस ने बताया कि एक निजी अस्पताल में चार दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे बशीर ने रविवार सुबह अंतिम सांस ली.
हमलावर गिरफ्तार
क्षेत्र में हालिया हत्याओं को 'अमानवीय' करार देते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने जोर दिया कि उनकी सरकार किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेने देगी और ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी. बशीर पर जानलेवा हमला करने वाले सभी चार लोग में से दो को शहर से और दो अन्य को केरल में मनजेश्वर और कासरगोड से गिरफ्तार किया गया.
बशीर के परिवार के सदस्यों ने जनाजा नहीं निकालने का निर्णय लिया और एक स्थानीय मस्जिद परिसर में उसे दफनाने का फैसला लिया. अतिरिक्त डीजीपी (कानून -व्यवस्था) कमल पंत ने उस अस्पताल का दौरा किया जहां बशीर भर्ती थे. सिटी पुलिस आयुक्त टी आर सुरेश ने संवाददाताओं को बताया परिवार ने जनाजा नहीं निकालने का फैसला किया. पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए सभी इंतजाम किए हैं.
सिद्धारमैया ने इससे पहले शिवमोग्गा में कहा कि साम्प्रदायिक हत्याओं के लिये जिम्मेदार किसी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा. राज्य के वन मंत्री रामनाथ राय ने आरोप लगाया कि हत्याओं के पीछे कथित तौर पर आरएसएस से जुड़े लोग थे.