कर्नाटक के अयोग्य विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में उपचुनाव रोकने की मांग की है. इस बावत विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दी है. याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. अयोग्य विधायकों की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा कि इन सीटों पर उपचुनाव को फिलहाल रोका जाए.
वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि सभी विधायकों के इस्तीफा दिया था, और स्पीकर द्वारा अयोग्य ठहराये जाने को इन्होंने 8 सप्ताह के अंदर चुनौती दी थी तो अब इस मामले की सुनवाई होनी चाहिए.
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने पिछले शनिवार को कर्नाटक में 21 अक्टूबर को उपचुनावों की घोषणा कर दी है. इससे कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) के अयोग्य घोषित किए गए बागी विधायकों को बड़ा झटका मिला है. ये उपचुनाव हाल ही में बनीं बी.एस. येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार का अस्तित्व बनाए रखने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हैं. सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा को कम से कम छह विधानसभा सीटें जीतने की जरूरत है. कर्नाटक के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने विधानसभा में विश्वास मत से एक दिन पहले 17 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था.
चुनाव में शामिल होने वाले निर्वाचन क्षेत्रों में गोकक, अथानी, रानीबेनूर, कागवाड़, हिरेकर, येलापुर, यशवंतपुरा, विजयनगर, शिवाजीनगर, होसाकोट, हुनसुर, कृष्णराजपेट, महालक्ष्मी लेआउट, केआर पुरा और चिकबल्लापुरा शामिल हैं. बता दें कि उपचुनाव की घोषणा का मतलब है कि अयोग्य विधायक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
आयोग ने 21 अक्टूबर को 15 विधानसभा सीटों के लिए मतदान की तारीखों की घोषणा की. मतों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी. उपचुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर रखी गई है. बागी विधायकों ने अपनी अयोग्यता को समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है. इस बीच यहां उपचुनाव की घोषणा कर दी गई है.
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस और जद-एस सरकार के 15 बागी विधायक अपना इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे. इसके बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली 14 महीने पुरानी गठबंधन सरकार गिर गई थी.