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राहुल के नेतृत्‍व पर SM कृष्‍णा ने उठाए सवाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने पार्टी के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं. आज तक से खास बातचीत में कृष्णा ने कहा कि जयपुर अधिवेशन के दावे कर्नाटक चुनाव में फुस्स हो गए है और पार्टी ने गलत उम्मीदवारों को टिकट दिया है.

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एस एम कृष्णा
एस एम कृष्णा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने पार्टी के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं. आज तक से खास बातचीत में कृष्णा ने कहा कि जयपुर अधिवेशन के दावे कर्नाटक चुनाव में फुस्स हो गए है और पार्टी ने गलत उम्मीदवारों को टिकट दिया है.

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इससे पहले प्रेस क्लब ऑफ बेंगलूर और बेंगलूर रिपोर्टर्स गिल्ड की ओर से आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कृष्णा ने कहा कि उन्होंने वर्ष 1972 से उम्मीदवार की चयन प्रक्रिया में सक्रिय हिस्सा लिया है. उन्होंने कहा कि तब चयन समिति में 15 से 16 सदस्य हुआ करते थे, जिसमें गंभीर चर्चा होती थी.

उन्होंने कहा कि समिति में इस बार तकरीबन 60 सदस्य थे. इस समिति में वह भी शामिल थे. उन्होंने इसे जटिल बताया.

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस ‘सावधि जमा’ (1999-2004 के बीच मुख्यमंत्री के तौर पर उनके द्वारा किए गए अच्छे कार्य) को भुनाने में विफल रही है? उन्होंने कहा, ‘पिछले नेताओं द्वारा किए गए अच्छे कार्यों का लाभ लेने के लिए चतुराई, बुद्धिमता और राजनैतिक कुशाग्रता होनी चाहिए. जो यह कहते हैं कि इसकी जरूरत नहीं है तो यह उनका नुकसान है. यह उनका नुकसान नहीं है जिन्होंने इसे अर्जित किया.’

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पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात की भविष्यवाणी करने से इनकार कर दिया कि कौन-सी पार्टी सत्ता में आएगी. उन्होंने कहा, ‘जनादेश का अनुमान लगाना कठिन है. लोग रहस्य (किसे वे मतदान करेंगे) साझा नहीं करते. कई बार, चुनाव में बात बिगड़ जाती है, क्योंकि जिन लोगों से संपर्क किया जाता है वे गुमराह करने वाली सूचना देते हैं.’

कृष्णा ने कहा कि जब 1999 में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की थी तो पार्टी के कर्नाटक मामलों के तत्कालीन प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने पीठ में गंभीर दर्द के बावजूद सामने से पार्टी के प्रयासों का नेतृत्व किया था. वह समूचे प्रचार अभियान के दौरान राज्य इकाई के साथ थे. कृष्णा ने कहा, ‘उस तरह का कुछ उत्प्रेरक अवश्य उभरकर आना चाहिए, जो सबको को एकजुट करे और हमें लेकर आगे बढ़े.’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह मांड्या में पार्टी का नेतृत्व करेंगे तो उन्होंने फिल्म अभिनेता अंबरीष का नाम लिए बिना कहा, ‘मैं वहां क्या करूंगा जब वहां ऐसे नेता हैं जो अपने दम पर जीतने की क्षमता रखने वाले दसियों उम्मीदवार ला सकते हैं.’ कृष्णा का वहां कथित तौर पर सिने अभिनेता से नेता बने एच अंबरीष के साथ विवाद चल रहा है.

यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा राजनीति (खुद को दरकिनार किए जाने से) से उदास हैं तो कृष्णा ने कहा, ‘राजनीति कभी उदास नहीं करती है’ और उन्होंने डगलस मैकआर्थर के भाषण को उद्धृत करते हुए कहा, ‘पुराने सैनिक कभी नहीं मरते. वे सिर्फ कमजोर हो गए हैं.’

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इस कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं सिर्फ घर पर बैठकर चिंतन-मनन नहीं कर रहा हूं. मेरे और भी शौक हैं जैसे संगीत, टेनिस और योग. मुझे उनसे काफी संतोष मिलता है.’ कृष्णा की राय थी कि चुनाव पूर्व घोषणा पत्र ने मौजूदा समय में अपना आधार और प्रासंगिकता खो दी है.

पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र जारी करने के कार्यक्रम से अलग रहे कृष्णा ने कहा, ‘सत्तारूढ़ पार्टी चुनाव घोषणा पत्र को तभी याद करती है जब कोई उसे याद दिलाता है और जब विपक्ष के नेता विधानसभा में चर्चा के दौरान इसका जिक्र करते हैं. उस वक्त कोई विधान सौधा, राज्य सचिवालय में इसकी प्रति नहीं पाता है और उन्हें कांग्रेस कार्यालय से हासिल करना पड़ता है.’

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