कर्नाटक से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. यहां के मंड्या जिले के श्रीरंगापटना तालुका में एक गरीब निरक्षर महिला ने अपनी किडनी बेच दी. किडनी बेचने की खबर ही अपने आप जैसे कम नहीं थी, खबर ये भी है कि उसने यह कदम रिश्वत देने के लिए उठाया. महिला ने रेवेन्यू ऑफिस में जमीन के रिकॉर्ड ठीक करने के लिए किडनी बेचने का यह कठिन व दर्दनाक कदम उठाया.
55 वर्षीय चिकाथयम्मा पिछले एक साल से एक ही किडनी के साथ जीवन यापन कर रही हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अपने पिता की जमीन वापस लेने के लिए अपनी दूसरी किड़नी भी बेच दी है. एक न्यूज चैनल से बात करते हुए चिकाथयम्मा ने बताया कि वह पिछले 14-15 साल से लगातार तालुका ऑफिस में जा रही हैं. लेकिन उनका काम नहीं हुआ. जब तालुका के चक्कर लगा-लगाकर वह थक गई तो उसे किडनी बेचने के लिए मजबूर किया गया. इसके बाद उसके पास कोई और उपाय भी नहीं था, क्योंकि वह बहुत गरीब किसान है.
चिकाथयम्मा के पिता की मैसूर के पास करीब 15 एकड़ जमीन थी. लेकिन इस पर किसी ने अवैध कब्जा कर लिया. वह इस जमीन को वापस अपने कब्जे में लेने के लिए जिला दफ्तर के चक्कर काटने लगी. उसका आरोप है कि यह काम करने के लिए वहां उससे एक व्यक्ति ने रिश्वत की मांग की.
अपनी व्यथा बताते हुए चिकाथयम्मा ने बताया कि दोदय्या (Doddaiah) नाम के व्यक्ति ने उनसे कहा कि जब तक उसे पैसे नहीं मिलते तब तक वह काम नहीं करेगा. उसने चिकाथयम्मा से 8000 रुपये प्रति एकड़ की रिश्वत मांगी. महिला ने उससे कहा कि जमीन मेरे पिता की है और मैं अपनी ही जमीन के लिए तुम्हें पैसे क्यों दूं.
लेकिन चिकाथ्यम्मा को अपने पिता की जमीन हर हाल में चाहिए थी, इसलिए उन्होंने बेंगलुरु में अपनी किडनी बेच दी. अपने पिता की मौत के बाद से वह उस जमीन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही है, लेकिन भ्रष्ट अफसरों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा. कर्नाटक लोकायुक्त के आदेश के बाद घूस मांगने वाले रेवेन्यू इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है. कर्नाटक के लोकायुक्त जस्टिस डॉ. वाई भास्कर राव ने कठोर कार्रवाई का भरोसा दिया है.