कर्नाटक में बगावत कर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले 16 विधायकों के इस्तीफे से शुरू हुआ सियासी नाटक अब पटाक्षेप की तरफ बढ़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे पर फैसले के लिए मंगलवार तक का समय दिया है. इसके बाद सरकार बचाने के लिए कांग्रेसऔर जेडीएस ने अपने कुनबे को बचाए रखने की कोशिशों के साथ ही बागियों को मनाने की कवायद भी तेज कर दी है. दो बागियों के मान जाने से जगी कांग्रेस और जेडीएस की आस के बीच रविवार को बागी विधायकों ने पुलिस को पत्र लिखकर नेताओं से खतरा बताया है.
मुंबई के एक होटल में ठहरे 14 विधायकों ने पवई थाने के वरिष्ठ इन्सपेक्टर को पत्र लिखकर खुदपर नेताओं से खतरा बताया है. पत्र में विधायकों ने लिखा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद या कांग्रेस या किसी भी राजनीतिक दल के किसी नेता से वह मुलाकात नहीं करना चाहते.इनसे हमें गंभीर खतरे की आशंका है.
बागियों ने पुलिस से इन्हें मुलाकात से रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम करने की मांग की है. विधायकों ने पत्र की प्रतिलिपि डिप्टी पुलिस कमिश्नर के साथ ही होटल के मैनेजर को भी भेजी है. गौरतलब है कि कर्नाटक में विधायकों के इस्तीफे से कुमारस्वामी सरकार संकटमें आ गई है. कांग्रेस अपने बागी विधायकों को मनाने का पुरजोर प्रयास कर रही है.Mumbai: 14 rebel K'taka MLAs write to Sr Police Inspector, Powai Police Station. Write '...we've absolutely no intentions in meeting Mallikarjun Kharge, GN Azad or any Congress dignitaries from Maharashtra&K'taka or any political leader as we anticipate serious threat from them.' pic.twitter.com/RfI2Jt6d6D
— ANI (@ANI) July 14, 2019
कर्नाटक सरकार के मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी शिवकुमार बागियों को मनाने में जुटे हैं.
एक दिन पहले ही शिवकुमार की पहल रंग लाई और बागी विधायक नागराज ने अपना इस्तीफा वापस लेने की घोषणा की थी. इसके बाद रुठे विधायकों को मनाने का जिम्मा मल्लिकार्जुन खड़गे और गुलाम नबी आजाद को सौंपे जाने का अनुमान लगाया जा रहा था. बागी विधायकों का यह खत इस बात का संकेतहै कि इनके और कांग्रेस के बीच चल रहा तू डाल-डाल, मैं पात-पात का खेल अभी जारी रहने वाला है.