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कर्नाटक के 3 विधायक हुए अयोग्य, लेकिन चुनाव आयोग पलट सकता है खेल

स्पीकर के मुताबिक कुछ दिनों में वो बाकी बचे 14 विधायकों के इस्तीफे पर भी फैसला लेंगे. अब अयोग्य ठहराए गए विधायकों के सामने हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है.

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कर्नाटक के स्पीकर केआर रमेश कुमार (तस्वीर- PTI)
कर्नाटक के स्पीकर केआर रमेश कुमार (तस्वीर- PTI)

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कर्नाटक के तीन विधायकों को बगावत की सजा मिल गई है. स्पीकर ने इन विधायकों को विधानसभा के मौजूदा कार्यकाल तक के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है. ये विधायक मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने तक यानी 2023 तक अयोग्य रहेंगे. यानी अगर 2023 से पहले चुनाव नहीं हुआ तो ये विधायक कहीं से भी विधानसभा का उपचुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे. अयोग्य घोषित होने वाले कांग्रेस के दो बागी रमेश जारकिहोली और महेश कुमातल्ली के अलावा एक निर्दलीय विधायक आर शंकर हैं.

स्पीकर केआर रमेश कुमार ने अपने फैसले में कहा कि इन विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं दिया था, इसलिए उन्होंने इसे अस्वीकार कर दल-बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की. स्पीकर के मुताबिक कुछ दिनों में वो बाकी बचे 14 विधायकों के इस्तीफे पर भी फैसला लेंगे. अब अयोग्य ठहराए गए विधायकों के सामने हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है.

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गेंद चुनाव आयोग के पाले में...

हालांकि, स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि अयोग्य ठहराए गए विधायकों के कार्यकाल पर अंतिम फैसला चुनाव आयोग लेगा. स्पीकर के इस बयान के बाद बीजेपी के नेताओं ने 2018 में दिए गए तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत के एक स्टेटमेंट का हवाला दिया. बीजेपी ने रावत के इस बयान के हवाले से कहा कि अयोग्य विधायकों के उपचुनाव में भाग लेने पर कोई रोक नहीं है. उन्होंने तमिलनाडु में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) विधायकों को अयोग्य घोषित करने से संबंधित एक मामले का हवाला दिया.

2018 में क्या हुआ था?

2018 में पलानीसामी सरकार के खिलाफ बगावत करने पर विधानसभा स्पीकर पी धनपाल ने AIADMK के 18 विधायकों को अयोग्य ठहराया था. यह कार्रवाई दल बदल कानून के तहत की गई थी. ये विधायक AIADMK से अलग नई पार्टी बनाने वाले टीटीवी दिनाकरन के समर्थक पाले में चले गए थे.

विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने कहा था, 'अयोग्य ठहराए जाने से विधानसभी सीटें खाली हो गई हैं, और जब भी कोई विधानसभा सीट खाली होती है, हमें 6 महीने के अंतर चुनाव (उपचुनाव) करवाने होते हैं, सो आयोग इस लिहाज से मामले को देखेगा.'

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kumarswami_fb_072619081155.jpgकुमारस्वामी

कांग्रेस को फैसले से खुशी

स्पीकर के फैसले का स्वागत करते हुए कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने ट्वीट किया, स्पीकर रमेश कुमार ने तीन विधायकों आर शंकर, रमेश जारकिहोली और महेश कुमातल्ली को मौजूदा विधानसभा से पूरे कार्यकाल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है. इस फैसले का दिल से स्वागत. लोकतंत्र की जीत.

शंकर इसलिए हुए अयोग्य

शंकर को अयोग्य ठहराने के पीछे का कारण बताते हुए, स्पीकर ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी KPJP का कांग्रेस में विलय कर लिया था और बाद में राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपते हुए बीजेपी को समर्थन दिया. कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने शंकर के खिलाफ स्पीकर को शिकायत दर्ज कराई थी.

गौरतलब है कि कांग्रेस जेडीएस के कुल 17 विधायकों ने कुमारस्वामी सरकार से बगावत कर स्पीकर को इस्तीफा सौंप दिया था. इन विधायकों की बगावत की वजह से मंगलवार को 14 महीने पुरानी कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी. उधर, सरकार बनाने की अटकलों के बीच कल कर्नाटक बीजेपी के नेता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मिले लेकिन कोई फैसला नहीं ले पाए.

माना जा रहा है कि बीजेपी बचे हुए 14 विधायकों को लेकर स्पीकर के फैसले का इंतजार कर रही है. उसी के बाद कर्नाटक में सरकार बनाने की दिशा में कोई कदम उठाएगी. यानी, कर्नाटक का नाटक फिलहाल जारी रहने वाला है.

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