पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन को लेकर भारत के साथ सहयोग नहीं कर रहा जो तीर्थयात्रा की भावना के खिलाफ है. सूत्रों ने ये जानकारी इंडिया टुडे को जानकारी दी. हालांकि दोनों देश प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं लेकिन अभी भी ऐसे कई मतभेद हैं जिन्हें दूर किया जाना है.
इमरान खान का ट्वीट
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को एक ट्वीट में इकतरफा एलान किया था कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर के उद्घाटन के पहले दिन हर तीर्थयात्री से 20 डॉलर की फीस नहीं वसूली जाएगी. साथ ही पासपोर्ट की भी जरूरत नहीं होगी. इमरान के इस ट्वीट से भारत में काफी भ्रम की स्थिति हुई.
इमरान ने अपने ट्वीट में कहा, करतारपुर के लिए भारत से आने वाले श्रद्दालुओं से मैंने दो जरूरतों को खत्म कर दिया है.
i) उन्हें पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी-बस कोई वैध पहचान पत्र
ii) उन्हें दस दिन एडवांस में रजिस्टर नहीं होगा. साथ ही उद्घाटन वाले दिन और गुरुजी के 550वें जन्मदिवस पर फीस नहीं ली जाएगी.
सूत्रों ने बताया, 'पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के ट्वीट ने पूरी तरह भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी है कि तीर्थ के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी. जबकि MoU में इस जरूरत का जिक्र है. इमरान के ट्वीट के मद्देनजर पाकिस्तान की ओर से MoU को संशोधित करने के लिए कोई पेशकश नहीं की गई है. ऐसे में श्रद्धालुओं को साफ नहीं है कि तीर्थ के लिए कौन से दस्तावेज साथ ले जाने हैं.'
पासपोर्ट और 20 डॉलर की फीस जरूरी
बता दें कि दोनों देशों के बीच 23 अक्टूबर को हस्ताक्षर किए गए MoU में साफ तौर पर कहा गया है कि पासपोर्ट जरूरी होगा और 20 डॉलर की फीस हर श्रद्धालु से ली जाएगी. इसमें कोई भी वदलाव, किसी विशेष दिन के लिए भी भारतीय पक्ष को सूचित किए बिना नहीं किया जा सकता.
एक चिंता ये भी है कि भारत की एडवांस टीमों को पाकिस्तान के करतारपुर में दरबार साहिब नहीं जाने दिया जा रहा. क्योंकि भारत की तरफ से कई अहम हस्तियों ने वहां जाना है इसलिए वहां की तैयारियों को देखने के लिए एडवांस टीम का वहां जाना जरूरी है. प्रोटोकॉल के खिलाफ जाकर पाकिस्तान ने भारत को इसकी अनुमति नहीं दी है.
पाक ने नहीं उपलब्ध नहीं कराई जानकारी
सूत्रों के मुताबिक भारत को मेडिकल सुविधाओं और सुरक्षा बंदोबस्त जैसे अहम मुद्दों पर भी पाकिस्तान की ओर से जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है. 9 नवंबर से करतारपुर साहिब कॉरिडोर से शुरू होने वाली तीर्थयात्रा के लिए कई प्रमुख सिख नेता भारत से वहां जाना चाहते हैं लेकिन सूत्रों के मुताबिक भारत की भेजी लिस्ट को लेकर अभी तक पाकिस्तान ने पुष्टि नहीं की है.
करतारपुर साहिब कॉरिडोर से भारत के पंजाब में स्थित डेरा बाबा नानक गुरद्वारे को पाकिस्तान के करतारपुर में दरबार साहिब से जोड़ा गया है. करतारपुर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से 4.5 किलोमीटर है.