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करतारपुर कॉरिडोर: भारत-PAK के बीच समझौता, 9 नवंबर को उद्घाटन

करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता हो गया है. दोनों देशों के अधिकारी जीरो प्वाइंट पर पहुंचे और वहां समझौते पर हस्ताक्षर किए.

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करतारपुर कॉरिडोर पर समझौता (फोटो-एएनआई)
करतारपुर कॉरिडोर पर समझौता (फोटो-एएनआई)

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  • करतारपुर कॉरिडोर का 9 नवंबर को उद्घाटन
  • 5 नवंबर को जाएगा श्रद्धालुओं का पहला जत्था

करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता हो गया है. दोनों देशों के अधिकारी जीरो प्वाइंट पर पहुंचे और वहां समझौते पर हस्ताक्षर किए. वहीं इस कॉरिडोर का उद्घाटन 9 नवंबर को पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान और भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.

करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच आज एग्रीमेंट पर साइन हो गया है. इससे पहले दोनों देशों के बीच बुधवार को समझौते की घोषणा की जानी थी, लेकिन दोनों पक्षों के बीच तारीख पर सहमति नहीं बन पाई थी. अब आज 24 अक्टूबर को दोनों पक्षों ने मुलाकात की और एग्रीमेंट पर साइन किया. हालांकि भारत को अभी भी श्रद्धालुओं से 20 डॉलर लेने के मसौदे पर असहमति है.

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भारत के विरोध के बावजूद कॉरिडोर के इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान तीर्थयात्रियों से शुल्क लेगा. हालांकि तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत ने एग्रीमेंट पर साइन करने का फैसला लिया. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था 5 नवंबर और दूसरा जत्था 6 नवंबर को रवाना होगा.

क्यों खास है करतारपुर?

करतारपुर कॉरिडोर सिखों के लिए सबसे पवित्र जगहों में से एक है. करतारपुर साहिब सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी का निवास स्‍थान था. गुरु नानक ने अपनी जिंदगी के आखिरी 17 साल 5 महीने 9 दिन यहीं गुजारे थे. उनका सारा परिवार यहीं आकर बस गया था. उनके माता-पिता और उनका देहांत भी यहीं पर हुआ था. इस लिहाज से यह पवित्र स्थल सिखों के मन से जुड़ा धार्मिक स्थान है.

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