भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए अगले महीने करतारपुर कॉरिडोर खोल दिए जाने की संभावना है, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए शुल्क को लेकर विवाद बना हुआ है. इस पर अभी पाकिस्तान की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है.
भारत ने दर्शन को लेकर शुल्क नहीं लेने की बात कही थी लेकिन पाकिस्तान की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि करतारपुर साहिब परियोजना को लेकर हम वचनबद्ध हैं और सभी सुविधाओं को समय से पूरा किया जा रहा है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि करतारपुर साहिब परियोजना को लेकर हम वचनबद्ध हैं और सभी सुविधाओं को समय से पूरा किया जा रहा है. पाकिस्तान से कुछ मसलों पर जवाब का इंतजार कर रहे हैं. श्रद्धालुओं के दर्शन को लेकर शुल्क नहीं लेने की भारत की मांग पर पाकिस्तान की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है. हमने कहा है कि यह आस्था का मसला है और इसमें फीस नहीं लेनी चाहिए. लेकिन पाकिस्तान के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.
सर्विस फीस पर अड़ा पाकिस्तान
करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं से दर्शन को लेकर पाकिस्तान $20 की सर्विस फीस को लेकर अड़ा हुआ है. जबकि भारत का कहना है कि यह भावनाओं का मामला है और इसको लेकर कोई शुल्क नहीं ली जानी चाहिए.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि करतारपुर साहिब के उद्घाटन समारोह में भारतीय साइड से होने वाले प्रोग्राम में विदेश मंत्रालय की सीमित भूमिका होती है. इसमें दूसरे मंत्रालय और राज्य सरकार का अहम रोल होता है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के करतारपुर साहिब जाने की खबर पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अभी (मनमोहन सिंह के जाने को लेकर) आगे की स्थिति के बारे में कुछ कह नहीं सकते. इस पर बाद में चर्चा होगी. पहले हमारे अग्रीमेंट पर जवाब का इंतजार है.
अगले महीने खुलने के आसार
पिछले महीने पाकिस्तान की ओर से ऐलान किया गया कि भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर कॉरिडोर 9 नवंबर को खोल दिया जाएगा. लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नरोवाल में प्रस्तावित करतारपुर कॉरिडोर के लिए स्थानीय और विदेशी पत्रकारों की पहली यात्रा के दौरान इसको लेकर घोषणा की गई. परियोजना निदेशक आतिफ माजिद ने 16 सितंबर को बताया कि अब तक कॉरिडोर पर 86 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और इसे 9 नवंबर को खोल दिया जाएगा.
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉक्टर मोहम्मद फैसल ने कहा था कि पाकिस्तान सरकार करतारपुर कॉरिडोर आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु से सुविधा शुल्क लेगी और यह रकम 20 यूएस डॉलर के बराबर होगी.
पाकिस्तान ने भारत के सामने पहले भी तीसरे चरण की बैठक के दौरान यह मांग रखी थी. हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि यह सर्विस फीस होगा न कि प्रवेश शुल्क.
माना जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से यह सुविधा शुल्क पानी, दवाई और अन्य सुविधाओं के लिए ली जा रही है. पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर आने वाले श्रद्धालुओं के बीच बंटने वाले प्रसाद और लंगर के लिए भी जरूरी इंतजाम के लिए हाल ही में सहमत हुआ था. दोनों देश यात्रियों को सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण माहौल मुहैया कराने पर दोनों देश सहमत हैं.
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चीनी राष्ट्रपति की यात्रा पर ऐलान जल्द
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि अभी इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. वुहान में तय किया गया था कि अगली अनौपचारिक शिखर बैठक अगले साल 2019 में भारत में होगी. हम चीन के साथ इस संबंध में काम कर रहे हैं और जल्द ही ऐलान कर देंगे.