दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. कोर्ट ने दोनों पक्षों कार्ति और सीबीआई की जमानत अर्जी सुनी और अपना फैसला सुरक्षित कर लिया.
कार्ति की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'मैं अपनी अर्जी वापस ले लूंगा, अगर सीबीआई यह साबित कर दें कि उन्होंने (कार्ति) ने सबूतों को नष्ट किया है.'
जांच में सहयोग नहीं कर रहे कार्ति चिदंबरम
वहीं सीबीआई की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कार्ति चिदंबरम लगातार एजेंसी की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. जांच के इस स्तर पर अभी हम इस मामले से जुड़े गवाहों के नाम सार्वजनिक नहीं कर सकते. लेकिन कार्ति के खिलाफ हमारे पास पुख्ता सबूत है. अगर इस मामले में अभी कार्ति चिदंबरम को जमानत दी गई तो वह सबूतों को नष्ट कर सकता है.
बता दें कि इससे पहले पटियाला हाउस की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को 24 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सीबीआई ने पिछले महीने कार्ति को चेन्नई एयरपोर्ट से उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वह लंदन से वापस आ रहे थे.
फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट से कार्ति चिदंबरम को 22 मार्च तक के लिए ईडी की गिरफ्तारी पर प्रोटेक्शन मिला हुआ है.