प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम के कार्यालय की तलाशी ली. यह तलाशी कार्ती के मित्रों के स्वामित्व वाली फर्मों के खिलाफ जांच के सिलसिले में ली गई.
प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई की पी. चिदंबरम ने कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा, 'विषय से संबंधित असंबद्ध पूछताछ में कुछ भी नहीं मिला और मैं देखना चाहूंगा कि एक मूर्ख सरकार मेरे बेटे को प्रताड़ित करने के लिए किस हद तक जाती है.' उन्होंने एक वक्तव्य जारी किया कि जांच एजेंसी के कुछ अधिकारी उनके कार्यालय आए.
उन्होंने वक्तव्य में कहा, 'मुझे सूचित किया गया कि वे तीन फर्मों की जांच कर रहे हैं. दो फर्म मेरे मित्रों की हैं. उनका स्वामित्व पेशेवर लोगों के पास है और सक्षम निदेशक मंडल उनका प्रबंधन करता है. मुझे तीसरे फर्म के बारे में जानकारी नहीं है.'
जब्त किए गए दस्तावेज
दूसरी ओर, प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कार्ती के कार्यालय परिसर में बंद एक कमरे की तलाशी ली. इस कमरे को एक दिसंबर को चलाए गए उनके अभियान के तहत बंद कर दिया गया था.
अधिकारियों ने कहा, 'कुछ दस्तावेज जब्त किए गए हैं.' उन्होंने कहा कि कमरे को एक दिसंबर को नहीं खोला जा सका था और इसे सीलबंद किया गया था. इसे आज खोला गया और कार्ती को उसी अनुसार सूचित किया गया.'
'नहीं है कोई आर्थिक हित'
कार्ती ने अपने वक्तव्य में इस बात को दोहराया कि जिन फर्मों की जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं उसमें उनका कोई आर्थिक हित नहीं है. उन्होंने निदेशालय की ताजा कार्रवाई पर आश्चर्य भी जताया और कहा, 'मैंने जो कुछ पहले सार्वजनिक तौर पर कहा था, आज उसे अधिकारियों को साफ कर दिया. न तो मैं और न ही मेरे परिवार का कोई सदस्य उन फर्मों में से किसी में भी शेयरधारक या निदेशक है. उन फर्मों में हमारे कोई आर्थिक हित नहीं हैं.'