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कार्ति चिदंबरम ने CBI के समन को बताया गैरकानूनी, कहा- परिवार को बदनाम करने की साजिश

कार्ति के वकील की ओर से दायर अभिवेदन में कहा गया कि कार्ति चिदंबरम और उनके परिवार के खिलाफ यह एक ‘दुर्भावनापूर्ण अभियान’ हैं और उनके और उनके पिता की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का सोचा-समझा प्रयास है.

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पिता के साथ कार्ति चिदंबरम (फाइल फोटो)
पिता के साथ कार्ति चिदंबरम (फाइल फोटो)

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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति ने बुधवार को कहा कि सीबीआई ने एयरसेल मैक्सिस मामले में पूछताछ के लिए पेश होने के लिए उन्हें जो समन जारी किए हैं वह गैरकानूनी हैं. उन्होंने कहा कि समन बदनीयती से जारी किए गए हैं और इसके पीछे इरादा उनको और उनके परिवार को परेशान करना है. कार्ति ने अपने वकील अरूण नटराजन के मार्फत जांच दल को अभिवेदन देकर कहा है कि सीबीआई उनकी पेशी के लिए दबाव ना बनाए.

सीबीआई ने कार्ति को आज पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था. यह मामला एयरसेल में निवेश के लिए ग्लोबल कम्युनिकेशन सर्विसेस होल्डिंग्स लिमिटेड को एफआईपीबी द्वारा विदेशी निवेश मंजूरी देने से जुड़ा है. अभिवेदन में कहा गया कि एयरसेल मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मामले में पी चिदंबरम ने 29 सितंबर को उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा दायर किया था. इसमें कहा गया कि कार्ति और उनके पिता से एजेंसी ने क्रमश: 19 नवंबर 2014 और 6 दिसंबर 2014 को पूछताछ की थी.

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अभिवेदन में कहा गया कि, ‘सीबीआई और वर्तमान केंद्र सरकार के तहत आने वाली अन्य जांच इकाइयों ने समय-समय पर दुर्भावनापूर्ण प्रेस विज्ञप्तियां जारी की या राजनीतिक प्रतिशोध के चलते परेशान करने वाली कार्रवाई की ताकि इसे सनसनीखेज बनाया जा सके. इस अभियान का मेरे मुवक्किल और उनके परिवार के खिलाफ प्रचार किया जा सके और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई जा सके'. इसमें कहा गया कि कार्ति ने सीबीआई द्वारा उन्हें समन जारी किए जाने की कार्रवाई को उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका दायर कर चुनौती दी है.

अधिवक्ता ने दोहराया कि इस मामले से संबंधित सारी कार्यवाही खत्म कर दी गई है. चूंकि मामले के सभी आरोपियों को आरोप मुक्त कर दिया गया है, ऐसे में सीबीआई को नोटिस जारी नहीं करना चाहिए था. अभिवेदन में कहा गया, ‘जब सभी आरोपियों को आरोपमुक्त किया जा चुका है और कार्यवाही खत्म की जा चुकी है, ऐसे में वर्तमान नोटिस निश्चित रूप से गैरकानूनी है, बदनीयत से जारी किया गया है और इसका उद्देश्य मेरे मुवक्किल और उनके परिवार को परेशान करना है'.

कार्ति के वकील की ओर से दायर अभिवेदन में कहा गया कि कार्ति चिदंबरम और उनके परिवार के खिलाफ यह एक ‘दुर्भावनापूर्ण अभियान’ हैं और उनके और उनके पिता की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का सोचा-समझा प्रयास है. इसमें कहा गया कि उनके पिता पी चिदंबरम सबसे बड़े राजनीतिक दल के जानेमाने नेता हैं.

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