दक्षिण की राजनीति के पितामह कहे जाने वाले डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि अब इस दुनिया में नहीं रहे. मंगलवार शाम 6.10 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन के साथ ही पूरे राज्य में उनके समर्थकों का रो-रो कर बुरा हाल था. करुणानिधि के निधन की खबर के साथ ही देश के तमाम दिग्गज नेताओं और हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
बुधवार को करुणानिधि के पार्थिव शरीर को चेन्नई के राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चेन्नई पहुंच करुणानिधि के अंतिम दर्शन किए. उन्होंने वहां पहुंच कर करुणानिधि के बेटे स्टालिन और बेटी कनिमोझी से मुलाकात की.
प्रधानमंत्री के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी करुणानिधि के अंतिम दर्शन करने पहुंचे. सपा प्रमुख अखिलेश यादव, RJD नेता तेजस्वी यादव भी राजाजी हॉल पहुंचे. उनके अलावा भी कई नेता आज चेन्नई पहुंचे. सुपरस्टार रजनीकांत, कमल हासन ने भी करुणानिधि को श्रद्धांजलि दी.
Congress President Rahul Gandhi pays tribute to M #Karunanidhi at #RajajiHall pic.twitter.com/yMph9VmZNV
— ANI (@ANI) August 8, 2018
Prime Minister Narendra Modi pays last respects to former CM M #Karunanidhi at Chennai's Rajaji Hall. #TamilNadu pic.twitter.com/IlO5LpP93F
— ANI (@ANI) August 8, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह समेत कई हस्तियों ने ट्वीट कर करुणानिधि को श्रद्धांजलि दी.
#TamilNadu: PM Narendra Modi arrives in Chennai to pay last respects to DMK chief M #Karunandhi. pic.twitter.com/6FWth7AZnZ
— ANI (@ANI) August 8, 2018
बुधवार सुबह ही करुणानिधि के दर्शन के लिए दक्षिण की राजनीति और सिनेमा के बड़े सितारे पहुंच रहे हैं. इस दौरान अंतिम दर्शन के लिए चेन्नई पहुंचे समर्थक बेकाबू भी हो गए, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इस बीच विवाद को देखते हुए मरीना बीच पर रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है.
Tamil Nadu: Rapid Action Force has been deployed outside Anna memorial at Marina beach in Chennai. Hearing in the case against denial of burial land by Tamil Nadu Govt at Marina beach for M #Karunanidhi is underway at Madras High Court. pic.twitter.com/Cp1hMWtVSa
— ANI (@ANI) August 8, 2018
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार शाम को करुणानिधि के निधन की खबर मिलते ही तुरंत चेन्नई पहुंची. उन्होंने उनके निवास गोपालपुरम में जाकर अंतिम दर्शन किए.
हर किसी ने करुणानिधि को किया याद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, 'एम करुणानिधि के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. 'कलैनार' के नाम से लोकप्रिय वह एक सुदृढ़ विरासत छोड़कर जा रहे हैं, जिसकी बराबरी सार्वजनिक जीवन में कम मिलती है. उनके परिवार के प्रति और लाखों चाहने वालों के प्रति मैं अपनी शोक संवेदना व्यक्त करता हूं.'
करुणानिधि के देहांत पर दुख जताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनको देश हमेशा याद रखेगा. उन्होंने ट्वीट किया, 'करुणानिधि के निधन से बेहद दुखी हूं. वो भारत के सबसे सीनियर नेताओं में से एक थे. हमने जमीन से जुड़े जननायक को खो दिया. महान विचार और लेखक को खो दिया. उनका जीवन गरीब और वंचित लोगों के लिए समर्पित था.'
पीएम मोदी ने कहा, 'इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदना करुणानिधि के अनगिनत समर्थकों और परिजनों के साथ है. भारत और खासकर तमिलनाडु उनको हमेशा याद रखेगा. उनकी आत्मा को शांति मिले.' मोदी ने कहा, 'मुझे करुणानिधि से कई अवसरों पर मिलने का अवसर मिला. उनको पॉलिसी की अच्छी समझ थी और वो समाज कल्याण के कार्यों पर जोर देते थे. वो लोकतंत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध थे. आपातकाल के खिलाफ उनका कड़ा विरोध हमेशा याद किया जाएगा.'
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने करुणानिधि के निधन पर दुख जताते हुए उनको भारत का महान बेटा करार दिया है. तमिलों के प्रिय कलैगनार छह दशक से ज्यादा समय तक तमिलनाडु की राजनीति में रहे. उनके निधन से भारत ने अपने महान बेटे को खो दिया. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं.
शानदार रहा करुणानिधि का सफर
मुथुवेल करुणानिधि, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके पार्टी प्रमुख का 94 साल की उम्र में एक लंबी बिमारी के बाद चेन्नई में निधन हो गया. तमिलनाडु की राजनीति में करुणानिधि का पांच दशक लंबा सफर रहा. इन पांच दशकों के दौरान करुणानिधि ने डीएमके को न सिर्फ राज्य की सत्ता पर कई बार काबिज किया बल्कि केन्द्र की राजनीति में भी बड़ी भूमिका अदा की. 3 जून, 1924 को नागापट्टिनम जिले के थिरूकुवलई में जन्म हुआ था.
डीएमके में बतौर कार्यकर्ता अपनी स्पीच और स्क्रिप्ट लिखने की क्षमता के चलते करुणानिधि लगातार आगे बढ़ते रहे. लेकिन उनके राजनीतिक सफर का टर्निंग प्वाइंट तब आया जब डीएमके ने कालाकुडी रेलवे स्टेशन का नाम एक कारोबारी के नाम पर डिलमियापुरम करने का विरोध किया. इस प्रदर्शन के दौरान उनपर 35 रुपये का जुर्माना लगाया गया और 5 महीने की जेल की सजा का आदेश हुआ. करुणानिधि ने जुर्माना अदा करने से मना कर दिया और एक साल तक जेल में सजा काटी. इस एक प्रदर्शन ने करुणानिधि को पार्टी के शीर्ष नेताओं में लाकर खड़ा कर दिया.