डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने सरकारी विज्ञापन पर SC के उस फैसले का विरोध किया है, जिसमें विज्ञापानों पर मुख्यमंत्रियों और अन्य दूसरे मंत्रियों-नेताओं की तस्वीर छापने पर रोक लगा दी गई है.
कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए करुणानिधि ने कहा, 'इस आदेश के जरिए राज्यों से उनका अधिकार छीना जा रहा है. संघीय ढाचे में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का पद समान महत्व रखता है. राज्यों में लोग प्रधानमंत्री से ज्यादा मुख्यमंत्री को तवज्जो देते हैं.'
पूर्व सीएम ने आगे कहा कि राज्य सरकार के विज्ञापन में सीएम की तस्वीर जरूरी है. अशिक्षित लोग तस्वीर के जरिए ही विज्ञापन को समझते हैं.
गौरतलब है कि बुधवार को एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकारी विज्ञापनों में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के अलावा किसी अन्य की तस्वीर नहीं प्रकाशित की जाएगी. कोर्ट ने साफ तौर पर मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और नेताओं की तस्वीर नहीं छापने का जिक्र किया.