महानगर में 26/11 के आतंकी हमले में कई लोगों की जान लेने वाला पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब रमजान के मौजूदा पवित्र माह में रोजा नहीं रख रहा है.
मुंबई में वर्ष 2008 में 166 लोगों को मौत के घाट उतारने के मामले में एक विशेष अदालत द्वारा फांसी की सजा पा चुके कसाब को उच्च सुरक्षा वाली आर्थर रोड जेल में रखा गया है. जेल सूत्रों ने बताया कि कसाब रमजान में रोजे नहीं रख रहा और वह प्रत्येक दिन फल, दूध एवं दवाएं लेता है.
सूत्रों के अनुसार कसाब दिन में केले ओर सेब लेता है और उसे सुबह के नाश्ते में पोहा दिया जाता है. वह अपनी कोठरी में उर्दू की कहानियों की किताबें पढ़ता है. इससे पूर्व 22 वर्षीय कसाब ने पेट में समस्या की शिकायत की थी जिसके बाद सरकारी जे जे अस्पताल के चिकित्सकों के एक दल ने उसका उपचार किया. उपचार अभी तक चल रहा है.
रोजा रखने वाले मुस्लिम कैदियों को सहरी और सूर्यास्त के बाद रात्रि का भोजन प्रदान किया जाता है. अन्य कैदियों को सुबह साढ़े छह बजे नाश्ता तथा दोपहर एवं रात को भोजन दिया जाता है. इस बीच कसाब बंबई उच्च न्यायालय की कार्यवाही की व्यग्रता से प्रतीक्षा कर रहा है. न्यायालय कसाब को 26/11 आतंकी हमले मामले में निचली अदालत द्वारा सुनायी गयी सजा की पुष्टि करेगा. {mospagebreak}
कसाब के वकीलों अमीन सोलकर और फरहाना शाह ने उसे मृत्युदंड की सजा सुनाये जाने के फैसले को अभी तक चुनौती नहीं दी है. राज्य सरकार ने निचली अदालत द्वारा सह आरोपियों फहीम अंसारी और सबाउद्दीन अहमद को बरी किये जाने के फैसले को चुनौती दी है जिसकी सुनवाई 30 अगस्त को होगी. कसाब को लोगों पर एके 46 राइफल से गोलियां बरसाकर और उन पर हथगोले फेंककर उनकी जान लेने के आरोप में मृत्युदंड सुनाया गया है.
कसाब और इसके सहयोगी अबु इस्माइल ने सीएसटी, कामा अस्पताल और मेट्रो अस्पताल के समीप हमला किया था. उसके साथ पाकिस्तान के कराची से नाव के जरिये मुंबई पहुंचे आठ अन्य आतंकियों ने होटल ताज महल, होटल ओबराय और नारीमन हाउस पर हमला किया था. पुलिस ने कसाब को जिंदा पकड़ने में कामयाबी पायी थी जबकि नौ अन्य सुरक्षा बलों एवं पुलिस के हाथों मारे गये.