मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब को फांसी दिए जाने को कांग्रेस का ‘सहानुभूति अर्जन’ कार्यक्रम बताते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने बुधवार को केंद्र से कहा कि अब संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू का हिसाब भी निपटा दिया जाना चाहिए.
रामदेव ने कहा सरकार ने कसाब का हिसाब करने में काफी देर लगा दी हांलांकि उन्होंने कहा, ‘चलो देर से ही सही, कसाब का हिसाब तो हो गया, अब केंद्र को अफजल गुरु का हिसाब भी तुरंत निपटाना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि कसाब को फांसी देना कांग्रेस का ‘सहानुभूति अर्जन’ कार्यक्रम है और इसके जरिये वह अपने ऊपर लग रहे भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान हटाकर उनसे इस मुददे पर सहानुभूति प्राप्त करना चाहती है.
इस संबंध में रामदेव ने कहा कि कसाब का साबुन हो या अफजल गुरु का वाशिंग पाउडर, अब कोई भी इस सरकार के जिद्दी दागों को नहीं मिटा सकता. रामदेव ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आतंकवादी कसाब को पालने पोसने के लिये देश का करोड़ो रुपए बर्बाद करने का आरोप लगाया और उसे ‘डर्टी पार्टी’ बताते हुए कहा कि जब तक इस सरकार का सत्ता से पत्ता साफ नहीं हो जाता, देश का भला नहीं होगा.
योग गुरु ने आतंकवाद के लिये फांसी की सजा पाये दोषियों के मामलों को राष्ट्रपति के पास न भेजे जाने की वकालत की और कहा कि अगर ऐसे मामले राष्ट्रपति के विचार के लिये भेजे जाते रहेंगे तो अदालतों का क्या औचित्य रह जायेगा. गडकरी पर लगे आरोपो के बारे में रामदेव ने उसे भाजपा का अंदरूनी मामला बताते हुए सवालों से पल्ला झाड़ लिया.