मुंबई हमले की सुनवाई कर रही एक आतंकवाद विरोधी अदालत में आतंकी अजमल कसाब के बयान का अंग्रेजी रूपांतरण सौंप दिया गया है.
पंजाब प्रांत के एनएएमएएल विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रमुख नसीम ने अजमल के बयान का अनुवाद अंग्रेजी में किया है. इसे ही रावलपिंडी की अदालत में सौंपा गया. बचाव पक्ष के वकीलों ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि कसाब के बयान को अभी इस मामले का हिस्सा बनाया जाना बाकी है.
एक निजी गवाह हमजा बिन तारिक भी अदालत में उपस्थित हुआ और अपना बयान दर्ज कराया. दो दूसरे गवाहों के बयान भी लिए गए. आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश अतीकुर रहमान ने मामले की सुनवाई 18 जून तक के लिए स्थगित कर दी. सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि कराची के निवासी हमजा ने बुधवार को अदालत को सूचित किया कि उसने आरोपियों को नौकायें सीधे तौर पर नहीं बेची थी.
पाकिस्तान से आतंकी नौका के जरिए ही मुंबई पहुंचे थे और 26 नवंबर, 2008 को कई प्रमुख स्थानों पर हमले किए थे. इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी.