उत्तर प्रदेश के कासगंज में 26 जनवरी के दिन हिंसा के पीछे की वजह कासगंज के डीएम आरपी सिंह ने आजतक पर सिलसिलेवार तरीके से बताई.
कासगंज के डीएम आरपी सिंह ने ‘आजतक’ से खास बातचीत में बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि चंदन गुप्ता को लगी गोली छत से चलाई गई थी. डीएम के मुताबिक जिस घर की छत से गोली चली, वो मुस्लिम परिवार का है. इसके अलावा डीएम ने हिंसा को लेकर कई बातें कहीं.
बाइक पर तिरंगा लगा परिक्रमा कर रहे थे युवा
डीएम ने बताया कि चंदन गुप्ता की एक संकल्प संस्था है. संस्था के करीब 70-80 युवा बाइक में तिरंगा लगाकर नारे लगाते हुए शहर में परिक्रमा कर रहे थे. वडुनगर मोहल्ले में जब ये गए तो वहां पहले से जाति विशेष के लोग इकट्ठे थे. वे लोग ध्वजारोहण के बाद स्पीच दे रहे थे. वहां इनमें आपस में वाद-विवाद हुआ. हालांकि इस बात का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं है, जिससे पता चल सके कि विवाद की वजह क्या है.
बदला लेने की भावना से 20-25 युवक निकले
विवाद बढ़ने पर दूसरे पक्ष ने ईंट-पत्थर चलाए जिससे वे लोग मोटरसाइकिल छोड़कर भाग आए. वहां से 500 मीटर दूर ही स्थित तहसील रोड और सूत मंडी मोहल्ले में ये लोग चले आए. बाद में ये लोग तैयार होकर 20-25 की संख्या में बदला लेने की भावना से ये कहकर निकले कि वहां तो उन्होंने हमें आगे जाने से रोक दिया, देखते हैं कि यहां कैसे रोकेंगे.
मुसलिम घर की छत से चली थी गोली
वहीं दूसरी ओर जिस घर के लोगों ने इन्हें रोका था, जहां से ईंट-पत्थर चलने की शुरुआत बताई गई, बताया जा रहा कि वहां छत से गोली चलाई गई. फायरिंग में अभिषेक उर्फ चंदन नाम के लड़के की मौत हो गई, वहीं नौशाद (35) के पैर में गोली लगी. अस्पताल में चंदन को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि नौशाद को अलीगढ़ में भर्ती करा दिया गया. गोली किसने चलाई, इसकी अभी जांच की जा रही है.बाद में जैसे-जैसे लोगों को पता लगा कि ये दो समुदायों के बीच विवाद था, इसे कम्युनल रूप देने का प्रयास किया गया. इस बीच हम लोगों को पर्याप्त फोर्स मिल गई थी, जिससे और बड़ी घटना घटने से बच गई.
विवाद की क्या है वजह
डीएम ने बताया कि इस मामले में एक पक्ष का कहना था कि हम लोग वहां पहुंचे तो हम हिन्दुस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. तो उन लोगों ने भी हमारे सामने हिन्दुस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया. उसके बाद उन्होंने ये कहा कि मैंने हिन्दुस्तान जिंदाबाद का नारा लगा दिया है, अब तुम लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाओ. तो इन्होंने कहा कि हम हिन्दुस्तान के हैं. हम पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगाएंगे. इस बात की कितनी सत्यता है, ये अभी नहीं कहा जा सकता. इस बात का अभी तक प्रत्यक्षदर्शी नहीं मिला है. जांच में पता चलेगा कि सच कौन बोल रहा है.
क्या गोली सिर्फ एक समुदाय से चली
चंदन को मारी गई गोली का एंगल देखने से पता चलता है कि गोली ऊपर से चलाई गई यानि छत से चलाई गई है. जो मकान वहां पर है वो मुस्लिम का है. प्रथम दृष्ट्या पता चलता है कि गोली उस मकान से चलाई गई है. कयास लगाया जा रहा कि गोली मुसलिम द्वारा चलाई गई होगी. आईओ इसकी जांच कर रहा है.
मजिस्ट्रेट जांच होने तक कुछ कहना ठीक नहीं
मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि ये लोग जो यहां आए थे, उनके हाथ में असलहे थे, डंडे थे, हॉकी थी. हो सकता कि फायरिंग इनकी ओर से भी हुई हो और गोली नौशाद को लगी. हमने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं. जब तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती, यह कह पाना मुश्किल होगा कि एक व्यक्ति की बंदूक से दोनों को गोली लगी या अलग-अलग लोगों द्वारा गोली चलाई गई जिससे दो लोगों को गोली लगी.
किसी तरह के राजनीतिक षड्यंत्र का मामला सामने नहीं आया है. यह देखने में जरूर आया है कि बदले की भावना से कुछ युवाओं ने यहां वहां आगजनी की. यह बातें प्रकाश में आई है और इसी आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है. अगर इस मामले में किसी बड़ी हस्ती का नाम सामने आता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
जुलूस में मुस्लिम लड़के भी थे जो इनके दोस्त थे. इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि पहले से ही कोई सांप्रदायिक विवाद था जिसको लेकर इतनी बड़ी घटना घटी. जिस मोहल्ले में यह भिड़ंत हुई है वहां किस बात पर हाथापाई और पत्थर चले और इन लोगों को भागना पड़ा जिसके 1 घंटे बाद इनको घर से तैयार होकर दोबारा दूसरे मोहल्ले में जहां अभियुक्त का घर है उस क्षेत्र में जाना पड़ा. इससे ये समझ में आ रहा है कि यह लोग पिछले मोहल्ले में हुई पत्थरबाजी का बदला लेने के लिए दोबारा अपने साथियों के साथ गए और वहां पर यह घटना घटी.
अगर प्रशासन और पुलिस ने वक्त रहते मामले को नियंत्रित ना किया होता तो घटना और बड़ी हो सकती थी. चंदन गुप्ता पर गोली चलाने के मामले में जिस अभियुक्त की गिरफ्तारी हुई थी. उसका कोई पहले का आपराधिक इतिहास नहीं था. जब हमने उसके घर की तलाशी कराई तो उसके घर से एक पिस्तौल मिला और देसी बम बरामद हुआ.
नामजद लोगों में से हम अब तक कुल 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं. जो मुख्य अभियुक्त सलीम अभी तक फरार है, उसकी तलाश के लिए टीमें बनी हुई हैं. 1 सप्ताह से 10 दिन के अंदर पूरे प्रकरण का पर्दाफाश हो जाएगा और दोषी लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. सलीम मुख्य अपराधियों में से एक है जिसके द्वारा गोली चलाई गई थी. लेकिन दबिश देने पर सलीम अपने घर पर नहीं पाया गया. वह फिलहाल फरार है और उसकी संपत्ति की कुर्की के लिए जांच अधिकारियों ने कोर्ट में याचिका डाल दी है.