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दस साल में चौथी बार राज्यपाल वोहरा के हाथ में कश्मीर की कमान

वोहरा पिछले दस साल से लगातार जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल हैं. वह कांग्रेस सरकार के समय नियुक्त एकमात्र ऐसे राज्यपाल हैं जिन्हें बीजेपी सरकार ने नहीं हटाया है.

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राज्यपाल एनएन वोहरा ने वरिष्ठ अध‍िकारियों के साथ बैठक की (फोटो-ANI)
राज्यपाल एनएन वोहरा ने वरिष्ठ अध‍िकारियों के साथ बैठक की (फोटो-ANI)

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पिछले दस साल में जम्मू-कश्मीर का शासन चौथी बार राज्यपाल एनएन वोहरा के हाथ में आ गया है. जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार गिरने के बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो गया है. राज्य में अब तक आठवीं बार राज्यपाल शासन लगा है.

राज्यपाल वोहरा ने अपना काम शुरू कर दिया है. उन्होंने बुधवार को श्रीनगर में राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और सुरक्षा बल अधि‍कारियोें के साथ बैठक की.

वोहरा पिछले दस साल से लगातार जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल हैं. वह कांग्रेस सरकार के समय नियुक्त एकमात्र ऐसे राज्यपाल हैं जिन्हें बीजेपी सरकार ने नहीं हटाया है.

वोहरा को जून 2008 में राज्यपाल नियुक्त किया गया था और उन्हें 2013 में फिर से राज्यपाल का कार्यभार सौंपा गया था. मंगलवार को बीजेपी ने राज्यपाल एनएन वोहरा को समर्थन वापसी का पत्र देते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी.

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बुधवार सुबह ही राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाने को मंजूरी दे दी. इस तरह 81 साल के वोहरा के हाथ में चौथी बार राज्य का शासन आ गया है.

भारत के अन्य राज्यों में प्रदेश की सरकार के विफल रहने पर राष्ट्रपति शासन लागू होता है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल का शासन लगाया जाता है. जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्य में छह माह के लिए राज्यपाल शासन लागू किया जाता है, हालांकि ऐसा राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही हो सकता है.

भारत का संविधान जम्मू -कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता है और यह देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसके पास अलग संविधान और नियम हैं.

देश के अन्य राज्यों में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है. राज्यपाल शासन के अंतर्गत राज्य विधानसभा या तो निलंबित रहती है या उसे भंग कर दिया जाता है.

कब-कब मिला शासन

-सबसे पहले जुलाई 2008 में जब पीडीपी ने गुलाम नबी आजाद सरकार से समर्थन वापस लिया तो राज्य में पांचवीं बार राज्यपाल शासन लगा. तब अमरनाथ जमीन विवाद पर मचे संघर्ष के बाद सरकार गिरी थी. वोहरा के लिए राज्य का शासन चलाने का यह पहला मौका था.

-जनवरी 2015 में हुए चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. त्रिशंकु विधानसभा बनने पर जम्मू-कश्मीर में फिर राज्यपाल शासन लगा था.

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-जनवरी 2016 में मुफ्ती मोहम्मद सईद की मौत के बाद जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा था.

-अब एक बार फिर से सरकार गिरने के चलते राज्य में कुल आठवीं बार राज्यपाल शासन लागू हो गया है और वोहरा के कार्यकाल में चौथी बार राज्यपाल शासन लगा है.

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