जम्मू-कश्मीर मसले पर पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद लावे और मीर मोहम्मद फैयाज ने सोमवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. दोनों सांसदों का कहना है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना गलत है. राज्य को मिला विशेष दर्जा जारी रहना चाहिए और हालात को सामान्य किया जाना चाहिए. साथ ही सभी राजनीतिक शख्सियतों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए.
बता दें कि सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है. सत्र के पहले ही दिन विपक्ष लगातार नारेबाजी कर रहा है और हंगामा करने की कोशिश कर रहा है. विपक्ष की तरफ से लोकसभा में "तानाशाही बंद करो. तानाशाही नहीं चलेगी. झूठे केस बंद करो" जैसे नारे लगाए गए.
Delhi: Rajya Sabha MPs Nazir Ahmad Laway and Mir Mohammed Fayaz protest in the Parliament premises over Jammu and Kashmir issue. pic.twitter.com/6BnutN0FAV
— ANI (@ANI) November 18, 2019
अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त को रद्द करने के बाद घाटी के ज्यादातर राजनेताओं को हिरासत में लिया गया और उन्हें डल झील के किनारे सेंटूर होटल में रखा गया था. लेकिन रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच श्रीनगर के सेंटूर होटल से कई नेताओं को पोलो ग्राउंड के पास एमएलए हॉस्टल में शिफ्ट किया गया है. इन नेताओं को ठंड बढ़ने के चलते एमएलए हॉस्टल में शिफ्ट किया गया है.
क्या है सांसदों की मांग
पीडीपी के सांसदों ने मांग की कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने चाहिए. पीडीपी सांसद मीर फैयाज का कहना है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर संसद और संसद के बाहर हमारा विरोध जारी रहेगा. 5 अगस्त के बाद हमारी आवाज बंद की गई, हमारा हक है और अपनी आवाज हम उठाएंगे. सरकार ने 5 अगस्त को जो फैसला लिया उससे आज कश्मीरी परेशान हैं.
पीडीपी प्रमुख की भी जगह बदली
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की भी जगह बदल दी गई है. शुक्रवार को ही उनकी जगह बदल दी गई थी. अधिकारियों के मुताबिक उन्हें जबेरवान रेंज में शिफ्ट किया गया है. जहां महबूबा मुफ्ती को ठहराया गया था वहां ठंड के दिनों में लगातार पॉवर कट की खबरें सामने आ रही थीं. जिसके बाद प्रशासन ने उनकी जगह बदलने का निर्णय लिया. महबूबा मुफ्ती 5 अगस्त से ही नजरबंद हैं.