कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बयान दिया है, उस पर मंगलवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष की ओर से इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की गई. लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भारत की सरकार ने अमेरिका के सामने देश का सिर झुका दिया है. इस मसले पर कैसे पूरा विपक्ष सरकार पर हमलावर रहा और किसने क्या कहा, यहां पढ़ें...
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मसले पर कहा कि देश में कोई भी सरकार रही हो, लेकिन कश्मीर में हमारी यही नीति रही है कि ये दोनों देशों के बीच का मसला है. इसमें विश्व की कोई तीसरी ताकत नहीं आ सकती है.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अगर कुछ कहा है तो सोच समझकर कहा होगा. लेकिन हम अपने प्रधानमंत्री पर विश्वास करते हैं. हम ये नहीं कह रहे हैं कि वो झूठ बोल रहे हैं. लेकिन उन्हें सदन में आकर बयान देना चाहिए और बताना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं.
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने जो बयान दिया है उससे पूरा देश चकित है. हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री खुद सदन में आएं और इस मसले पर बयान दें. कश्मीर के मसले पर भारत की एक ही आवाज है कि ये हमारा द्विपक्षीय मसला है.
सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि अन्य पार्टियों की तरफ से भी इस मुद्दे पर सवाल खड़े किए गए. सीपीआई नेता डी. राजा ने कहा कि ये एक गंभीर मसला है, क्योंकि अमेरिका का कोई सचिव नहीं बल्कि राष्ट्रपति इस तरह का दावा कर रहा है. इस मामले में सिर्फ विदेश मंत्रालय की सफाई काफी नहीं है, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर बयान देना चाहिए.
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी इस मसले पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने चाहे जो भी जानकारी दी हो, लेकिन इस पूरे मसले पर प्रधानमंत्री को संसद में आकर जवाब देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर के मसले पर जो बात कही है, वह इमरान खान के सामने कही है. यह हमारे सम्मान और हमारी कश्मीर की पॉलिसी के खिलाफ है. किसी भी देश की मध्यस्थता भारत स्वीकार नहीं करेगा.