पाकिस्तान ने शुक्रवार को एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापते हुए इसे दक्षिण एशिया का ‘नासूर’ बताया और कहा कि इसके समाधान के बिना क्षेत्र में स्थायी शांति दूर की बात है. इसके हल के लिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा व्यवहारिक कदम उठाये जाने की जरूरत है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एशिया सोसाइटी की बैठक में कहा, ‘जम्मू-कश्मीर मुद्दे का हल किये बिना दक्षिण एशिया में स्थायी शांति दूर की बात है और इस बात को महसूस करने में कमी को लेकर मुझे हैरानी है.’
दरअसल, उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के कार्यालय की ओर से जारी किये गये उस बयान के एक दिन बाद आई है, जिसके तहत यह कहा गया था कि जब तक भारत कश्मीर को अपना अभिन्न हिस्सा मानना तथा भारतीय संविधान के दायरे में इसका हल करने की इच्छा को नहीं छोड़ता, तब तक इस मुद्दे पर नई दिल्ली के साथ सार्थक नतीजा देने वाली कोई वार्ता नहीं हो सकती है.
कुरैशी ने शांत कश्मीरी युवकों, बच्चों और महिलाओं की हत्या का आरोप भारतीय सुरक्षा बलों पर लगाते हुए कहा कहा कि इस तरह की गतिविधियां कश्मीरी भावना को नहीं मार सकती. वे आत्मनिर्णय के अपने अधिकार की मांग कर रहे हैं. उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता. {mospagebreak}
कुरैशी ने कहा, ‘इस वक्त अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हालात की गंभीरता महसूस करनी चाहिए और दक्षिण एशिया के इस नासूर का इलाज करने के लिये व्यवहारिक कदम उठाना चाहिए. दुनिया के नेता के रूप में अमेरिका की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण हल करे.’
उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद पर काबू पाने और उसका उन्मूलन करने के लिये भी हमारा यह संयुक्त प्रयास अहम होगा.’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने एक अन्य बैठक में कश्मीर मुद्दे को फलस्तीन समस्या के साथ रखते हुए कहा कि यह दोनों मुद्दे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लंबे समय से लंबित एजेंडा हैं.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संरा सुरक्षा परिषद के जरिये तथा जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए कश्मीर मुद्दे का शांति पूर्ण हल पाने को प्रतिबद्ध है. उन्होंने हाल के महीनों में कश्मीर कई लोगों के मारे जाने पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि हम इस क्रूरता की कड़ी निंदा करते हैं. कश्मीरियों के मानवाधिकार का अवश्य ही सम्मान किया जाना चाहिए.