पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सख्त कार्रवाई का सिलसिला जारी है. मंगलवार तड़के नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक, नईम खान और जफर भट के श्रीनगर स्थित कई ठिकानों पर छापे मारे हैं. जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को हवा देने वाले बड़े नेताओं में शुमार यासीन मलिक को गत शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया था. यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट का मुखिया है. घाटी में पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
यासीन की सुरक्षा हुई थी वापस
इससे पहले गृह मंत्रालय के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 22 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और सरकारी सुविधाएं वापस ले ली थी. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के 155 राजनीतिक शख्सियतों को दी गई सुरक्षा में बदलाव किया था. इस सूची में यासीन मलिक का भी नाम था.
गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक इन अलगाववादी नेताओं और राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा में 1000 से ज्यादा पुलिसकर्मी और 100 के करीब सरकारी गाड़ियां लगी हुई थीं, इन्हें अब वापस ले लिया गया है. सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए यासीन मलिक ने कहा था कि सरकार ने उसे कोई सुरक्षा दी ही नहीं थी.
गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को जम्मू-कश्मीर भेजा है.जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पुलवामा हमले के बाद ये कदम उठाया है. पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए इस कायराना हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
इस बीच जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर अर्धसैनिक बलों को भेजे जाने की खबरें आई है. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को घाटी भेजा है. इसमें सीआरपीएफ की 35, बीएसएफ की 35, एसएसबी की 10 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां शामिल है.